लखनऊ। अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में गुरुवार को आरोपित लल्लू सिंह और कमलेश त्रिपाठी ने प्रकरण की विशेष अदालत के समक्ष धारा-313 के तहत बयान दर्ज कराए। उन्होंने सभी आरोपों को निराधार व बेबुनियाद बताया।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने गुरुवार को बयान दर्ज किए जाने के लिए लल्लू सिंह, कमलेश त्रिपाठी, संतोष दुबे और रामचंद्र खत्री को तलब किया था। संतोष दुबे एवं रामचंद्र खत्री बयान दर्ज कराने के लिए अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। अदालत ने संतोष दुबे, राम चंद्र खत्री के साथ-साथ जय भगवान गोयल, ओमप्रकाश पांडेय, अमरनाथ गोयल और जयभान सिंह पवैया की हाजिरी माफी की अर्जी इस शर्त के साथ स्वीकार की कि ये सभी लोग 12 जून को धारा 313 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे।
अन्य आरोपितों का बयान दर्ज किए जाने के लिए अदालत ने 12 जून की तिथि नियत की है। आरोपित लल्लू सिंह व कमलेश त्रिपाठी ने डॉ. राम विलास वेदांती एवं बृजभूषण शरण सिंह के बयानों के उत्तर का समर्थन करते हुए अपने बयान अदालत के समक्ष दर्ज कराएं। इसमें उन्होंने कहा कि मामला राजनीति से प्रेरित है। दोनों ने सीबीआइ के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्हेंं भी अन्य आरोपितों की तरह फर्जी फंसाया गया है। इस मामले में आठ आरोपितों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
अभी 24 आरोपितों का बयान दर्ज करना शेष : मामलों में अभी लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, आरएन श्रीवास्तव समेत 24 आरोपितों का बयान दर्ज किया जाना शेष है। अदालत के समक्ष सुनवाई के समय सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक ललित कुमार सिंह, पूर्णेंदु चक्रवर्ती और आरएन यादव उपस्थित थे। अदालत ने अभियोजन के इन वकीलों को निर्देश दिया है कि मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए लिखित बहस तैयार करें।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से बयान के लिए आरोपित का पता हुआ दर्ज : अदालत में आदेश के अनुपालन में बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनीष त्रिपाठी ने सतीश प्रधान और पवन कुमार पांडेय के आवास का पता अदालत में दाखिल किया। जिसे न्यायालय ने पत्रावली पर रखे जाने का आदेश दिया है। अदालत ने 10 जून के आदेश में कहा था कि मामले की कार्रवाई शीघ्र पूरी कर 30 अगस्त को इसका निस्तारण करना है। लिहाजा, बचाव पक्ष अन्य आरोपितों के निवास का पता न्यायालय में दाखिल करें, जिससे उनका बयान दर्ज किया जा सके।