लखनऊ। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने प्रतिबंधित संगठन अल-कायदा के एजेंट मुहम्मद इनामुल हक को बरेली से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। मूल रूप से हल्द्वानी (उत्तराखंड) निवासी इनामुल लंबे समय से बरेली में नाम बदलकर रह रहा था। बरेली में वह मु.शोएब उर्फ अबु मुहम्मद अल हिंदी के नाम से रह रहा था। अल-कायदा से जुड़ा इनामुल दूसरे युवकों को जेहाद के लिए उकसाने व आतंकी संगठन से जोड़ने की गतिविधियों में लिप्त था।
गिरफ्तार अल-कायदा के एजेंट मुहम्मद इनामुल हक के विरुद्ध थाना लखनऊ एटीएस में यूएपी अधिनियम समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपित को लखनऊ कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। एटीएस की अर्जी पर कोर्ट ने उसकी 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। एटीएस शुक्रवार सुबह उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ शुरू करेगी।
एडीजी एटीएस डीके ठाकुर ने बताया कि आरोपित इनामुल बरेली की डॉ.रियाज कालोनी, कटघर में किराये पर रह रहा था। वह सोशल मीडिया के जरिए जेहादी विचारधार से प्रभावित हुआ था और अल-कायदा के संपर्क में आ गया था। सोशल मीडिया पर निगरानी के दौरान एटीएस को उसके बारे में अहम जानकारियां हाथ लगी थीं, जिसके बाद उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई। पुख्ता जानकारियां जुटाने के बाद इनामुल को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएस के अनुसार, मुहम्मद इनामुल हक बरेली और मुरादाबाद मंडल के जिलों में संपर्क के लिए निकलता था। जेहाद के नाम पर लोगों को उकसाता। युवाओं को अल-कायदा से जोड़ने की मुहिम में लगा हुआ था। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लेता था।
अल-कायदा के एजेंट मुहम्मद इनामुल हक मुरादाबाद, बुलंदशहर, शाहजहांपुर समेत अन्य जिलों के युवकों को जेहाद के लिए उकसाने का काम कर रहा था। मुहम्मद इनामुल हक युवकों को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित करने की बातें कर रहा था। उसके मोबाइल से अल-कायदा द्वारा प्रकाशित साहित्य भी बरामद हुआ है। उसके सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले जा रहे हैं। मुहम्मद इनामुल हक के संपर्क में आए युवकों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। आरोपित के कब्जे से एक मोबाइल फोन व दो सिम बरामद हुए हैं।