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भू-माफियाओं द्वारा सरकारी एवं निजी सम्पत्तियों पर अवैध कब्जा करने की शिकायतें शासन एवं प्रशासन स्तर पर प्राप्त होती रहती हैं। ऐसे भूमाफियाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के लिए एन्टी भू माफिया पोर्टल का गठन किया गया। ताकि जनमानस में सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो। सार्वजनिक एवं निजी भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जे के प्रकरणों में जनसामान्य को अपनी शिकायत सुगमतापूर्वक दर्ज कराने, शिकायत पर कृत कार्यवाही की जानकारी प्राप्त करने, के लिए एन्टी भू माफिया पोर्टल बढ़िया माध्यम है ।

लेकिन इसके विपरीत जनपद उन्नाव में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर वीरेंद्र शुक्ला नामक एक बहुचर्चित भूमाफिया का नाम एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज था लेकिन इसके बावजूद वह जिला प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए अनुसूचित जाति के पट्टा धारकों की जमीनों को जबरदस्ती कब्जा कर रखा है यह भू पट्टा दार अनुसूचित जाति के लोग शिकायतें करते रहे लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और उन्होंने इसकी शिकायत जनपद के जिला अधिकारी रवींद्र कुमार से किया है।

जिसमें जिला अधिकारी रवींद्र कुमार ने उप जिलाधिकारी सदर को जांच करने के आदेश दिए है । भू -माफिया वीरेन्द्र शुक्ला अपने आप को समाजवादी पार्टी का जिला उपाध्यक्ष बताता है। इसकी कई तस्वीरें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ,पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के बड़े नेता बेनी प्रसाद वर्मा के साथ देखी जा सकती है l

उक्त मामला जनपद उन्नाव के ग्राम कुशाल खेड़ा मजरा फत्तेपुर परगना हड़हा तहसील व जिला उन्नाव का है। शिकायतकर्ता माधुरी ने बताया कि वर्ष 2011 में उसको सरकार द्वारा पट्टा आवंटित हुआ था और उसके गांव के कई लोगों को पट्टा दिया गया था । इस दौरान उसके पति की मौत हो गईं। जिसके बाद वह अपना भरण-पोषण के लिए उक्त पट्टे की जमीन पर खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करती है। शिकायतकर्ता माधुरी ने बताया कि उसके पट्टे की जमीन के बगल में बहुचर्चित भू माफिया वीरेंद्र शुक्ला का आवा कॉन्टिनेंटल नामक एक प्रतिष्ठान है जिसका मालिक खुद भू माफिया वीरेंद्र शुक्ला है। शिकायतकर्ता माधुरी ने बताया कि एक ही गांव के निवासी होने के कारण सभी ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके आवंटित वाली जमीन पर एक बाउंड्री वाल का निर्माण करा लिया था जिससे भूमाफिया वीरेंद्र शुक्ला उक्त जमीन पर कब्जा ना कर सके क्योंकि आवंटित वाली जमीन पर जाने का मार्ग भूमाफिया वीरेन्द्र शुक्ला की जमीन की तरफ से था तो सभी ग्रामीणों ने मिलकर मिट्टी खेत में डालकर खेत में आने जाने का एक रास्ता बना लिया। जिसके बाद आवा कॉन्टिनेंटल का मालिक बहुचर्चित भू माफिया वीरेंद्र शुक्ला ने मेरी और अन्य ग्रामीणों के पट्टे की जमीन को जबरन अपने साथियों वीरेंद्र यादव और अंशु पांडे के साथ जातिसूचक गालिया देकर जबरदस्ती कब्जा कर लिया ।

शिकायतकर्ता महिला माधुरी ने बताया कि दिनांक 3-7-2020 जब अपनी बेटी के साथ पट्टे वाली जमीन पर एक कमरे का निर्माण करा रहे थी तब भूमाफिया वीरेंद्र शुक्ला उसका साथी वीरेन्द्र यादव और अंशु पांडे एक बंदूकधारी पुलिसकर्मी के साथ आकर वीरेंद्र यादव और अंशु पांडेय उसको जाति सूचक गंदी -गंदी गालियां दी और कहा कि वीरेंद्र शुक्ला ताकतवर व्यक्ति हैं उन्होंने तुम्हारी जमीन के बगल में बिना उन्नाव शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यू डी ए) से नक्शा पास कराए इतना बड़ा होटल बनवा रखा है उनका भाजपा सरकार ने क्या कर लिया और यह समाजवादी पार्टी के मजबूत जिला उपाध्यक्ष हैं हम उनके निजी पत्रकार हैं तेरी जमीन के पट्टे निरस्त करा देंगे जब महिला ने बताया कि उसने और उसकी बेटी ने विरोध किया तो उसकी बेटी को भू माफिया वीरेंद्र शुक्ला ने बेटी को धक्का देकर कीचड़ में गिरा दिया।

महिला ने यह भी बताया कि भूमि संख्या 90 ग्राम फत्तेपुर उन्नाव शुक्लागंज राजमार्ग पर स्थित है , जिस पर भू माफिया वीरेंद्र शुक्ला ने कब्जा कर रखा है और इसी जमीन पर आवा कॉन्टिनेंटल नामक होटल बना रखा है वीरेंद्र शुक्ला पर कई मामले दर्ज हैं यह तीन से चार असलहाधारियों साथ चलता है और अपने आप को समाजवादी पार्टी का जिला उपाध्यक्ष भी बताता है इसने पूर्व में पट्टे निरस्तीकरण का मुकदमा अपने लोगों से कलेक्ट्रेट उन्नाव के न्यायालय में लिखवाया था तब तत्कालीन जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने गुण दोष के आधार पर मुकदमे का निस्तारण दिनांक 30-12-2013 को मेरे पक्ष में किया था जिसके समस्त अभिलेख उसके पास है। भूमाफिया वीरेंद्र शुक्ला ने भूमि संख्या 91 का बैनामा स्वयं अपने नाम व अपनी पत्नी अनीता शुक्ला के नाम पर करवाया है और कब्जा भूमि संख्या 90 के पट्टाधारकों की जमीन पर जबरन कर रखा है।

महिला ने जिलाधिकारी को दिनांक 20/7/2020 को दिए शिकायती पत्र में जिला अधिकारी महोदय से अपील किया कि उसकी और उसके परिवारी जनो को जान का खतरा है उसके साथ कोई भी अप्रिय घटना होती है तो उसके जिम्मेदार भूमाफिया वीरेंद्र शुक्ला उसके साथी वीरेंद्र यादव और अंशु पांडेय होंगे। इस मामले में जिला अधिकारी रवींद्र कुमार ने शिकायत करने वाली महिला की शिकायत पर सदर एसडीएम को आदेशित किया है कि उक्त मामले में अभिलेखों की जांच करके कारवाही सुनिश्चित करें अब तो वक्त बताएगा कि महिला को शिकायत करने का जिलाधिकारी से कितना फायदा होता है । शिकायतकर्ता महिला और अन्य ग्रामवासीयो की जमीन भू माफिया और उसके गुर्गों से जिला प्रशासन कैसे मुक्त कराता है यह तो आने वाला समय बताएगा।

लेकिन एक बात तो इस मामले से साफ हो गई है कि भू माफिया सत्ता के रसूख और अपने गुर्गों के दम पर किस तरह से अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन हड़प कर एंटी भू माफिया पोर्टल को निष्क्रिय बना दिया है जो सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है और इस कदर भू माफियाओं को नहीं है क्योंकि रुपया और रसूख के दम पर वह किसी की भी जमीन हड़प सकते हैं और किसी की भी जान ले सकते हैं।।कुछ भू-माफिया तो अधिकारियों से केवल इसीलिए संबंध बनाए रखें हैं कि उनकी जमीन की काली करतूत कोई समझ न सके।