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लखनऊ। कानपुर में पांच लाख रुपये के इनामी दुर्दांत बदमाश विकास दुबे के शुक्रवार को उत्तर प्रदेश एसटीएफ से मुठभेड़ में ढेर होने के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। मुठभेड़ को लेकर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं।

अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, जयंत चौधरी तथा ओम प्रकाश राजभर के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी मुठभेड़ के तरीके को लेकर संदेह जताया है। मायावती ने इसके साथ ही कानपुर में दो-तीन जुलाई की रात विकास दुबे के घर दबिश देने के दौरान बलिदान देने वाले आठ पुलिसकर्मियों के मामले की भी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। मायावती ने कहा कि ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने विकास दुबे की एसटीएफ के साथ मुठभेड़ को लेकर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने इस मुठभेड़ की सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग की है।

मायावती ने इसको लेकर दो ट्वीट किया है। उज्जैन में गुरुवार को विकास दुबे की गिरफतारी के बाद की मायावती ने ट्वीट किया था। मायावती ने लिखा कि कानपुर में पुलिस हत्याकाण्ड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस के उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह उच्च-स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए आठ पुलिसकॢमयों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके। इसके साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हेंं भी सख्त सजा दिलाई जा सके।