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कानपुर कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए न्यायालय में सरेंडर करने वालों को पहले कोविड-19 की जांच रिपोर्ट देनी होगी। इसके बाद अदालत उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजेगी। जिला जज के इस आदेश के बाद बिना कोविड जांच रिपोर्ट के सरेंडर करने वालों के प्रार्थना पत्र वापस किए जा रहे हैं। बार एसोसिएशन के महामंत्री कपिल दीप सचान के मुताबिक दूसरे बंदियों की सुरक्षा को देखते हुए व्यवस्था की गई है।

कानपुर जिला जज का आदेश, इन शर्तों के साथ करना होगा सरेंडर ….
जेल में दूसरे बंदियों की सुरक्षा को देखते हुए जिला जज के आदेश के बाद सरेंडर के दाखिल प्रार्थना पत्रों की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है।

सचेंडी निवासी संतोष व उसके भाई ने मारपीट और एससी-एसटी के एक मामले में सरेंडर करने का प्रार्थना पत्र दिया। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए इसे यह कहकर वापस कर दिया कि पहले कोविड-19 की जांच रिपोर्ट लेकर आएं। दोनों भाइयों ने जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। अब सोमवार को दोनों सरेंडर के लिए पुन: प्रार्थना पत्र देंगे। दरअसल यह व्यवस्था कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने के चलते की गई है। जिला न्यायाधीश ने निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी आरोपित सरेंडर करने से पहले कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट साथ लाएं अन्यथा उनका सरेंडर नहीं लिया जाएगा।