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उपेन्द्र कुशवाहा
पडरौना,कुशीनगर। बकराईद यानी ईद-उल-अजहा त्योहार के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विभिन्न ईदगाहों में विभिन्न समय पर नमाज की अदायगी की,अति संवेदनशील माने जाने वाले पडरौना कोतवाली के मिश्रौली व अधार छपरा में एसडीएम अजय नारायण सिंह, सीओ नीतीश प्रताप सिंह, तहसीलदार, कोतवाल विजय राज सिंह, पीएसी के जवान भी तैनात रहें । वहीं जिलाधिकारी अनिल कुमार सिंह, एसपी अशोक पान्डे, एएसपी भारी पुलिस बल के साथ जनपद में भ्रमण करते रहे। पडरौना,कसया,हाटा, रामकोला, कप्तानगंज, खड्डा,कुवेरस्थान, नेबुआनौंरगिया,हनुमान गंज,सेवरही,तुर्कपट्टी, पटहेरवा, अहिरौली, जटहां,विशुनपुरा, तरया, बरवापट्टी थाना क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने संयम पूर्वक अपनी नमाज अता की नमाज समाप्ति पर लोगों ने अपने पूर्वजों के नाम पर ईश्वर से प्रार्थना की तथा कब्रिस्तानों में अपने पूर्वजों के प्रति संवेदना प्रकट की गयी।
नमाज समाप्ति के उपरांत लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईदगाह में एक दूसरे को बधाई दी तथा बकरीद पर्व पर एक दूसरे को भोजन भी कराया। सभी ईदगाहों में छोटे-छोटे बच्चे बच्चियां भी अपने कीमती लिबासों में एक दूसरे को मुबारकबाद देते हुए नजर आए। शहर के हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने बड़ी चौकसी के साथ सभी चौक-चौराहों पर पुलिस की जबरदस्त व्यवस्था की थी ताकि किसी प्रकार से कोई अवांछित तत्व अशांति न फैला सके। मगर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपसी भाईचारे का मिसाल पेश किया।
अति संवेदनशील मिश्रौली व अधार छपरा ईदगाह पर एसडीएम सहित पीएसी के जवान रहे तैनात
पुलिस की चौकसी के साथ साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी अपने साहस का परिचय देते हुए तथा पुलिस की सहायता करते हुए त्योहार को मनाया। ईद ए कुर्बान त्यौहार के मौके पर सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने-अपने घरों में अपने-अपने बकरों की कुर्बानी दी तथा अपने पड़ोस के दूसरे धर्म के लोगों के साथ मिलकर खाने पीने की भी व्यवस्था की जिससे दूसरे समुदाय के लोगों ने बड़ी खुशी के साथ एक दूसरे के घर जाकर उनका निमंत्रण कुबूल करके खाने पीने मिलने-जुलने में अपनी सहभागिता निभाई जो हिंदू मुस्लिम भाईचारे का एक मिसाल पेश किया गया।
वैसे तो इस पर्व पर सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों अपने पड़ोसी मित्रों जो दूसरे धर्मों से संबंधित हैं उन का खास ख्याल रखते हैं ताकि किसी प्रकार कि घटना दुर्घटना नहीं हो सके और उनको किसी प्रकार की हार्दिक तकलीफ नहीं हो सके जो इस पर्व का मुख्य सारांश है। शहरों के सभी वार्डों में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद कुर्बानी के अवसर पर बकरे की कुर्बानी करके अपने पड़ोसी एवम इष्ट मित्रों को निमंत्रण देकर भोजन करने का प्रबंध रखा था जिसे हिंदू धर्म के लोगों ने बड़ी खुशी के साथ अपने मुस्लिम भाइयों के पर्व पर हृदय से एक दूसरे से गले मिलकर सांप्रदायिक सद्भावना का मिसाल कायम किया |