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कुशीनगर : अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कुशीनगर से उड़ान सेवा शुरू हुआ तो बुद्धिस्ट सर्किट के प्रमुख स्थल सीधे जुड़ेंगे। अब तक बुद्धिस्ट सर्किट के प्रमुख स्थलों के लिए विदेशी व बौद्ध देशों के सैलानी व पर्यटक बोधगया अथवा बनारस लैंड करते रहे हैं, लेकिन यहां से उड़ान होते ही बुद्धिस्ट सर्किट के प्रमुख स्थलों के भ्रमण का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा। कुशीनगर से बुद्धिस्ट सर्किट के प्रमुख स्थलों की दूरी तय करना भी आसान होगा। इसमें कुशीनगर से भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी की दूरी 170 किलोमीटर है। कपिलवस्तु की दूरी 140 किलोमीटर, श्रावस्ती की दूरी 270 किलोमीटर है। वहीं बिहार के बोधगया जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुआ था कि दूरी लगभग 380 किलोमीटर है। इसके अलावा प्रथम धर्मचक्र प्रवर्तन स्थल सारनाथ की दूरी सिर्फ 265 किलोमीटर ही है।
भदंत ज्ञानेश्वर बुद्ध विहार के प्रबंधक भंते महेंद्र ने बताया कि इन प्रमुख स्थलों के अलावा पड़ोसी जिला महराजगंज में रामग्राम भगवान बुद्ध से जुड़ा स्थल है, उपेक्षित है, आवागमन की सुविधा नहीं है, कुशीनगर से लगभग 100 किलोमीटर पर स्थित है।भंते ने यह भी बताया कि बिहार के मोतिहारी में लौरियानंदनगढ,जहां अशोक की लाट है, दूरी 150 किलोमीटर है,दर्शनीय व पूजनीय स्थल है। इसके अलवा एशिया का सबसे बड़ा भगवान बुद्ध का बिहार में केसरिया स्तूप है,जो कुशीनगर से 125 किलोमीटर दूर है। बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष पूजनीय है।
लग्जरी बसों के संचालन के लिए सीएम व परिवहन मंत्री को दूंगा पत्रः विधायक
विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। कुशीनगर बुद्धिस्ट सर्किट का केंद्र बनेगा। भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों का केंद्र कुशीनगर है। यहीं से प्रमुख स्थलों को पर्यटक जाएंगे। मेरे प्रयास से कसया बस स्टेशन को उच्चीकृत किया जा रहा है। जल्द ही सह कार्य पूरा होगा। पर्यटकों को इन स्थलों तक जाने के लिए सुविधा का अभाव है। इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी व परिवहन मंत्री से स्वंय मिलकर इस आशय का पत्र दूंगा कि प्रदेश व बिहार की सीमा समेत लुंबिनी (नेपाल) तक पर्यटकों की सुगम यात्रा के लिए लग्जरी बसों का संचालन कराया जाए।