कानपुर सूबे में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर हर संभव उपाए किए जा रहे हैं। गंभीर मरीजों के लिए लेवल-थ्री के बेड बढ़ाने के साथ संसाधन जुटाए जा रहे हैं। महंगे इंजेक्शन का बंदोबस्त किया गया है ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके। वायरस लोड खत्म करने के लिए सरकारी अस्पतालों में रेमडेसिवीर इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें अस्पताल प्रशासन मरीजों को निश्शुल्क मुहैया करा रहा है।
बाजार में 4000 रुपये तक का है मिलता
कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में एंटी वायरल रेमडेसिवीर इंजेक्शन कारगर है। हालांकि इन इंजेक्शन की छह डोज लगती हैं। एक इंजेक्शन की बाजार में कीमत 3600 रुपये से लेकर 4000 रुपये है। पूरा कोर्स लगभग 25-30 हजार रुपये का है। इंजेक्शन महंगे होने की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए खरीदना संभव नहीं था। लगातार कोरोना से बढ़ती मौतों की संख्या को देखते हुए शासन ने इन इंजेक्शन को निश्शुल्क उपलब्ध कराने का फैसला किया। हैलट में कोविड हॉस्पिटल के आइसीयू में गंभीर मरीजों को निश्शुल्क इंजेक्शन लगाया जा रहा है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा की पहल पर उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन अस्पताल प्रशासन को इंजेक्शन की आपूर्ति कर रहा है।
पहले दिन दो इंजेक्शन एक साथ
क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. चंद्रशेखर ङ्क्षसह ने बताया कि कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए छह इंजेक्शन का पूरा कोर्स है। पहले दिन दो इंजेक्शन की डोज (200-200 मिलीग्राम) एक साथ लगाई जाती है। उसके बाद 100-100 एमजी के चार डोज लगाए जाते हैं। इसका असर कारगर है, वायरल का लोड भी तेजी से कम होता है। तेजी से मरीजों की स्थिति में सुधार होता है। इंजेक्शन के साइड इफेक्ट भी नहीं हैं।