मेरठ । आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) डिवाइस को पहचानने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला नंबर है।
मामला तब सामने आया जब एक पुलिसकर्मी ने ही अपना मोबाइल फोन साइबर क्राइम सेल में कर्मचारियों को जांच के लिए दिया, क्योंकि मरम्मत के बाद भी उसका फोन ठीक से काम नहीं कर रहा था।
मेरठ के एसपी (शहर) अखिलेश एन. सिंह ने कहा कि साइबर सेल ने पाया कि लगभग 13,500 अन्य मोबाइल भी उसी आईएमईआई पर चल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दे का केस था।
सिंह ने कहा, “शुरूआती तौर पर यह मोबाइल फोन कंपनी की ओर से हुई लापरवाही लगती है और अपराधी इसका फायदा उठा सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और इस मामले को देखने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया गया है।