रिपोर्ट:सैय्यद मकसूदुल हसन
अमेठी। जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में उद्योग एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि योजना की जानकारी किसानों को दी जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि खाद्य प्रसस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आत्म निर्भर भारत के अर्न्तगत असंगठित क्षेत्र की ईकाइयों की समस्याओं के समाधान को प्रधानमंत्री सूक्ष्य खाद्य उद्योग उन्नयन योजना प्रारम्भ की गई। योजनान्तर्गत देश में सूक्ष्म उद्यमों को लाभान्वित कर कुशल एवं अर्धकुशल रोजगार उत्पन्न कराना प्रस्तावित है, जिसमें प्रदेश के 37805 सूक्ष्म उद्योगों को लाभान्वित कर लगभग 01 लाख 70 हजार 123 कुशल व अर्ध कुशल रोजगार उत्पन्न कराना है। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि सूक्ष्य उद्यमियों की क्षमता में वृद्धि करने के लिये जीएसटी, एफएफएसआई मानकों के लिये पंजीगत निवेश के लिए सहायता देना है तथा कुशल प्रशिक्षण एवं तकनीकी जानकारी प्रदान करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। इसके अलावा बैंक ऋण प्राप्त करने को डीपीआर तैयार करने के लिए हैण्ड होल्डिंग सहायता प्रदान करना तथा पूंजी निवेश ब्रान्डिग एवं विपणन सहायता के लिये कृषक उत्पादन संगठनों एवं स्वंय सहायता समूहों तथा सहकारी समितियों को सहायता प्रदान योजना का उद्देश्य है। यह योजना वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षो के लिये लागू की गई है। योजनान्तर्गत पूर्व से स्थापित वह इकाईयां पात्र होगी, जिनमें 10 से कम कार्मिक न्यूनतम कक्षा आठ उत्तीर्ण हो। बताया कि परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते है, जिसकी अधिकतम लागत 10 लाख रूपये है। स्व्यं सहायता समूह एवं को-आपरेटिव को 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान प्रदान किया जायेगा। इन संगठनों को सहायता उनकी तरफ से तैयार की गयी डीपीआर और राज्य नोडल एजेन्सी के अनुमोदन के आधार पर ब्राडिंग एवं मार्केटिंग के लिए सहायता दी जायेगी। योजना में टमाटर की खेती व अन्य उत्पादों से जोडकर उससे बनाये जाने वाले ब्रांड के लिए प्रशिक्षित कर लोगों को लाभान्वित किया जाए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डा. अंकुर लाठर, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, बैंक प्रबन्घक के सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।