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रिपोर्ट:सैय्यद मकसूदुल हसन

सुलतानपुर 03 जुलाई/जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती ने विकास क्षेत्र दूबेपुर की ग्राम पंचायत दूबेपुर में जल की महत्ता एवं जल संरक्षण पर विभिन्न विभागों के समन्वय से आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता कर ग्रामवासियों को जल के संरक्षण एवं उसकी महत्ता पर सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों/विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों के माध्यम से जनता को प्रेरित किया एवं गोष्ठी में महिलाओं की भागीदारी को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में महिलाओं की मह्ती भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि गॉव का विकास तभी सम्भव है जब प्रत्येक व्यक्ति इसके हेतु कटिबद्ध हों। गोष्ठी में उप कृषि निदेशक शैलेन्द्र कुमार शाही ने जल के संरक्षण हेतु खेत की मेड़ को मजबूत बनाये जाने पर जोर दिया तथा कहा कि मेड़ मजबूत होने से खेत का पानी खेत में तथा गॉव का पानी गॉव में संरक्षित होगा। उप प्रभागीय वनाधिकारी अतुलकान्त शुक्ला ने पौराणिक काल में ही जल संरक्षण के प्रति जन मानस के जागरूक होने का उल्लेख करते हुए पौध रोपण से जल संरक्षित करने पर प्रकाश डाला। जिला उद्यान अधिकारी रणविजय सिंह ने अवगत कराया कि नालियों के बजाय ड्रिप एवं स्प्रिंकलर के माध्यम से खेतों की सिंचाई करने के प्रति प्रेरित करते हुए अवगत कराया कि इससे 80 प्रतिशत पानी की बचत होगी और उत्पादन में भी 40 प्रतिशत की वृद्धि होगी। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश मिश्र ने मिट्टी पानी और बयार यह है जीवन का आधार पर केंन्द्रित जल की महत्ता के बारे में प्रकाश डाला। जल विशेषज्ञ/आमंत्रित सदस्य डॉ0 सुधाकर सिंह ने पानी हवा और भोजन जीवन के लिये आवश्यक विषय पर प्रकाश डालते हुए प्राण वायु और जल संरक्षण पर विशेष प्रकाश डाला जिला विकास अधिकारी डॉ0 डी0आर0 विश्वकर्मा ने पौराणिक आख्यानों का हवाला देते हुए तालाब खुदाई, अग्निहोत्र, वृक्षा रोपण से इस लोक और परलोक में श्रीवृद्धि और गोचर भूमि छोड़ने पर गोदान के तुल्य पुण्य प्राप्त होने की जानकारी देते हुए जन मानस को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करते हुए भावनात्मक रूप से योजित किया। जिलाधिकारी ने मौके पर एकत्र गॉव की महिलाओं से उनका कुशल-क्षेम जानने के पश्चात जल संरक्षण, सीड बाल से सहजन का वृक्ष तैयार करने सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि यहां पर किसान समेकित कीट प्रबंधन प्रणाली अपनाकर कीटों से बचाव कर रहे हैं। उन्होंने जल संरक्षण से होने वाले लाभों और उसकी महत्ता पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण से होने वाले लाभों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जल का संरक्षण ही जल का उत्पादन है और प्रत्येक व्यक्ति को कि वह जल का संरक्षण करे तभी हम वास्तविक सफलता प्राप्त कर सकेंगे। जिलाधिकारी ने जन मानस से जल संरक्षण हेतु सामुदायिक सहभागिता हेतु अपील की। सीड बाल से सहजन के 2000 पौधे तैयार करने वाली महिलाओं को अवगत कराया कि 17000 रूपये शीघ्र ही खाते में अन्तरित किये जायेंगे। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी दिनों में प्रत्येक जल ग्राम में इसी प्रकार की प्रेरक गोष्ठियाँ सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ आयोजित की जाय तथा महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाय। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारी दूबेपुर को निर्देशित किया कि जल ग्राम घोषित होने के पूर्व तथा वर्तमान स्थिति का तुलनात्मक विवरण उपलब्ध करायें। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने खण्ड विकास कार्यालय दूबेपुर के परिसर में आम के वृक्ष का रोपण किया। इस अवसर पर खण्ड विकास अधिकारी संतोष कुमार, अधिशासी अभियन्ता नलकूप जगदीश रावत सहित सम्बन्धित अधिकारी ग्राम प्रधान अरविन्द वर्मा एवं काफी संख्या में महिलाएँ व पुरूष सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ उपस्थित रहे।