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जेल में बिकरू हत्याकांड मामले में बंद विधवा ‘नाबालिग’ : परिवार

कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे का साथी व मारे गए अपराधी अमर दुबे की पत्नी खुशी के परिवार का दावा है कि वह नाबालिग है। अमर दुबे और खुशी की शादी बिकरू हत्याकांड से मात्र चार दिन पहले 29 जून को हुई थी। गौरतलब है कि इस हत्याकांड में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। वहीं अमर को स्पेशल टास्क फोर्स ने 8 जुलाई को गिरफ्तार किया था और उसी दिन वह हमीरपुर में मारा गया।
खुशी के पिता श्याम लाल तिवारी ने बुधवार को कानपुर देहात में माटी मुख्यालय में विशेष एंटी-डकैत कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा पेश किया, जिसमें खुशी के साथ नाबालिग के तौर पर पेश आने का अनुरोध किया गया।
उनके वकील शिवाकांत दीक्षित ने संवाददाताओं को बताया कि “बिकरू कांड वाले दिन खुशी की उम्र 16 साल और 11 महीने थी। एफिडेविड के साथ खुशी के हाई स्कूल सर्टिफिकेट को भी संलग्न किया गया है, जिससे पता चलता है कि उनका जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था।”
खुशी के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी नाबालिग बेटी को बिकरू मामले में जानबुझकर फंसाया।
उन्होंने कहा, “वह वयस्क नहीं है और न ही इतनी परिपक्व है कि गैंगस्टर और उसके सहयोगियों के साथ मिलकर योजना बना सके। हमें संदेह है कि पुलिस ने उसे फंसाया है, और अगर मेरी बेटी ने अपराध किया भी है, तो पुलिस को उसके साथ नाबालिग के रूप में पेश आना चाहिए और कोर्ट को इस बारे में फैसला करने देना चाहिए।”
खुशी को जेल में रहे एक महीने से अधिक वक्त हो गया है। उस पर आईपीसी की सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें हत्या और आपराधिक साजिश भी शामिल है।
सरकारी वकील राजीव पोरवाल ने कहा, “न्यायाधीश ने खुशी की उम्र का पता लगाने के लिए जुवेनाइल जस्टीस बोर्ड को खुशी की फाइल भेजी है।”
वहीं खुशी के गिरफ्तार होने के कुछ समय बाद ही कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने ट्वीट किया था, “खुशी के पास अमर से शादी करने के अलावा शायद और कोई विकल्प नहीं था और अब उसे एक विधवा के रूप में पुलिस उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।”