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पुलिस आज कोर्ट में देगी अमर दुबे की पत्नी के बेगुनाही के सुबूत, जेल से मिलेगी मुक्ति

कानपुर। बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके अमर दुबे की नवविवाहिता खुशी जेल से रिहा होगी। पुलिस मंगलवार को उसकी बेगुनाही के सुबूत अदालत में पेश करेगी। मामले में अदालत उसे मंगलवार को ही रिहा करने का आदेश दे सकती है।

बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में नामजद विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे को एसटीएफ ने आठ जुलाई को हमीरपुर में मार गिराया था। अमर की शादी 29 जून को पनकी क्षेत्र के गांव भरुआ निवासी खुशी के साथ हुई थी। शादी का सारा इंतजाम विकास दुबे ने अपने घर पर ही किया था। पुलिस के मुताबिक शादी विकास ने लड़की वालों के विरोध के बावजूद जबरन कराई थी। पुलिस ने अमर को एनकाउंटर में मार गिराने के बाद उसके हिस्ट्रीशीटर पिता संजू दुबे के साथ नवविवाहिता खुशी को भी जेल भेज दिया था।

आरोप था कि उसने हमले के दौरान हमलावरों को उकसाया था। पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना शुरू हो गई थी। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि गलत सूचना पर जल्दबाजी में सबकुछ हुआ। विकास के स्वजन ने उसका नाम लिया था। मामला संज्ञान में आने के बाद जांच कराने पर खुशी की कोई संलिप्तता नहीं मिली है। धारा 169 की अर्जी मंगलवार को पुलिस अदालत में दायर करेगी। सोमवार को सभी कार्रवाई पूरी कर ली गई है।

इंतजार में बीता दिन, नहीं आया रिहाई का आदेश

सोमवार को अमर दुबे की पत्नी खुशी जेल स्टाफ से बार-बार रिहाई आदेश की जानकारी लेती रही। खाना देने वाले कर्मियों से भी पूछा कि कोर्ट से उसके संबंध में कोई कागज तो नहीं आया, लेकिन पूरा दिन इंतजार में ही गुजर गया। सोमवार को कानपुर पुलिस की ओर से जेल में रिपोर्ट भेजी जानी थी। इसलिए वह सोमवार सुबह से ही बेचैन थी। जेलर कुश कुमार ने बताया कि देर शाम तक न्यायालय से रिहाई आदेश नहीं मिला।