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पुलिस कमिश्नर प्रणाली की लखनऊ व नोएडा में सफलता के बाद अब लागू होगी कानपुर-वाराणसी में भी

लखनऊ। लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का निर्णय अपराध नियंत्रण के लिहाज से सफल साबित हुआ है। यातायात व्यवस्था में भी सुधार हुआ है। इस प्रणाली के छह माह पूरे होने पर दोनों महानगरों के पुलिस कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के बाद कानपुर नगर व वाराणसी समेत अन्य महानगरों में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने के अच्छे परिणाम मिले हैं। पुलिस कार्रवाई के साथ पीड़ितों की सुनवाई में गुणवत्ता बढ़ी है। यह नजीर है। उम्मीद है कि जल्द अन्य महानगरों में यह व्यवस्था लागू होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 जनवरी को लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने का निर्णय लिया था। इन दोनों शहरों के आंकड़े इस प्रणाली के विस्तार की खुद हिमायत करते हैं। लखनऊ में लूट, हत्या, डकैती व अन्य तरह के अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में बीते छह माह में कुल अपराध में 45.09 फीसद की कमी दर्ज की गई है। डकैती में 75 फीसद, लूट में 55.5 फीसद, हत्या में 34.37 फीसद, वाहन चोरी में 55.47 फीसद, अपहरण में 38.49 फीसद व दुष्कर्म में 33.33 फीसद की कमी आने का दावा किया गया है। बड़ी राहत चेन व पर्स लूट की घटनाओं में मिली है। वर्ष 2019 में इन घटनाओं में रिकवरी प्रतिशत जहां 19.22 फीसद था, वह इस वर्ष बढ़कर 87.93 फीसद हो गया है।

हत्या, लूट व डकैती के वांछित अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई में 80 फीसद कामयाबी मिली है, जो वर्ष 2019 में 16 फीसद थी। सबसे बड़ा बदलाव तो महिला अपराध व पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट के मामलों में देखने को मिल रहा है। महिलाओं के प्रति अपराध में 43.02 फीसद और पॉक्सो एक्ट के मामलों में 32.24 फीसद की कमी आई है। महिलाओं के प्रति अपराध के मामले में वर्ष 2019 में एक जनवारी से 12 जुलाई के बीच 1541 केस दर्ज हुए थे, जबकि इस वर्ष 878 केस दर्ज हुए हैं। ऐसे ही पॉक्सो एक्ट में इस अवधि में वर्ष 2019 में 140 केस और इस वर्ष 95 केस दर्ज हुए।

रिपोर्ट के अनुसार माफिया पर शिकंजा कसने के मामले में भी इस प्रणाली के सार्थक परिणाम सामने आए हैं। लखनऊ में माफिया की 4.43 करोड़ की संपत्ति दर्ज की गई, जबकि गौतमबुद्धनगर में अभियान के तहत कुख्यात सुंदर भाटी समेत अन्य की अपराध से जुटाई गई करीब 13 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई।

गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पिछले वर्ष की तुलना में एक जनवरी से 30 जून के मध्य डकैती में 100 फीसद, लूट में 109 फीसद, नकबजनी में 22 फीसद, वाहन चोरी में 172 फीसद, हत्या में 41 फीसद, हत्या के प्रयास में 39 फीसद, अपहरण में 29 फीसद व दुष्कर्म में 157 फीसद तक की कमी आने का दावा है। विवेचना के निस्तारण मेें भी 65 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

छह माह में होनी थी समीक्षा : शासन ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के साथ ही हर छह माह में इसकी समीक्षा कराए जाने का निर्णय भी लिया था। पूर्व में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर के अलावा कानपुर नगर, वाराणसी व गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली बतौर पायलेट प्रोजेक्ट लागू किए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी।