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पुलिस का खुलासा होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत छेड़खानी नहीं, बल्कि एक हादसा था…

बुलंदशहर। अमेरिका में पढ़ने वाली होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत कैसे हुई, इस बात से आज (16 अगस्त) को बुलंदशहर पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह और डीएम रविंद्र कुमार ने पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बताया कि छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत छेड़छाड़ या स्टंट की वजह से नहीं हुई थी, बल्कि यह एक हादसा था। साथ ही सुदीक्षा के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए एसएसपी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक सुदीक्षा का भाई ही बाइक चला रहा था। उन्होंने कहा कि सुदीक्षा की बाइक पीछे थी और बाइक सवार आगे था। किसी भी तरह की छेड़खानी नहीं हुई।

क्या कहा SSP ने

बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने रविवार को पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाते हुए बताया कि पकड़े में आए दीपक सौलंकी ने पूछताछ में बताया कि वह एक कांट्रेक्टर के यहां काम करता है और 10 अगस्त को राज मिस्त्री राजू को लेकर काली बुलेट से निर्माणाधीन साइट पर जा रहा था। औरांगबाद चारोरा मुस्तफाबाद के पास उसकी बुलेट बाइक के सामने अचानक हरे रंग का ऑटो और भैंसा बुग्गी आ गई। इसकी वजह से उसे अचानक ब्रेक लगाना पड़ गया। पीछे से आ रही सुदीक्षा भाटी कि बाइक बुलेट से टकरा गई। इससे छात्रा सड़क पर जा गिरी और उसकी मौत हो गई।

डर गया था दीपक, इसलिए मॉडिफाइड करवाई बुलेट

पुलिस के मुताबिक, मामला बहुचर्चित हो जाने से दीपक डर गया था इसलिए उसने काला आम चौराहे पर बुलेट को मॉडिफाइड करवा दिया था। इतना ही नहीं किसी को शक न हो इसलिए दीपक ने टायर, सायलेंसर और जाट लिखी नम्बर प्लेट भी हटवा दी थी। पुलिस ने राजू और दीपक की निशानदेही पर मोडिफाइड बुलेट बाइक, सायलेंसर, हेलमेट, जाट लिखी नंबर प्लेट और टायर बरामद की है।

सीसीटीवी कैमरे की मदद से मिली कामयाबी
सुदीक्षा भाटी की मौत सड़क हादसा था या कुछ और इस मामले की जांच के लिए एसआईटी की टीम का गठन किया गया था। एसआईटी प्रभारी सीओ सिटी दीक्षा सिंह ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस की मानें तो सीसीटीवी फुटेस और सर्विलांस की मदद से पुलिस आरोपी बुलेट सवारों को पकड़ चुकी है। इनमें 53 साल का राजू मिस्त्री और दीपक सौलंकी है। पुलिस के मुताबिक, इनकी ही बाइक से एक्सीडेंट हुआ था।

प्रत्यक्षदर्शी को भी किया पेश

मामले में पुलिस ने उस व्यक्ति को भी मीडिया के सामने पेश किया जिसके मोबाइल फोन से सुदीक्षा के परिजनों को हादसे की जानकारी दी थी। प्रत्यक्षदर्शी हेमंत शर्मा ने भी इस बात की तस्दीक की कि यह महज एक हादसा था और सुदीक्षा की मौके पर ही मौत हो गई थी।