रिपोर्ट:सैय्यद मकसूदुल हसन
सुलतानपुर 10 अगस्त/जिला उद्यान अधिकारी रणविजय सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा अवगत कराया है कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम एफएमई) के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आत्म निर्भर भारत के अन्तर्गत प्रारम्भ की गयी प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम एफएमई) के क्रियान्वयन हेतु असंगठित क्षेत्र की इकाईयों की समस्याओं के समाधान हेतु देश में 2 लाख सूक्ष्म उद्यमों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है, जिसमें से उत्तर प्रदेश हेतु 37805 सूक्ष्म उद्यमों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भारत सरकार की इस योजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की अवधारण के तहत इनपुट की खरीद, सामान्य सेवाओं का लाभ लेने तथा उत्पादों के विपणन के सन्दर्भ में लाभ प्राप्त करने का अवसर दिया जाना है। जिला उद्यान अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म उद्यमियों की क्षमता में वृद्धि करने के लिए जी0एस0टी0, एफ.एस.एस.ए.आई. स्वच्छता मानकों और उद्यम आधार के लिए पंजीकरण के साथ-साथ उन्नयन एवं मानकीकरण के लिए पूँजीगत निवेश हेतु सहायता देना, कुशल प्रशिक्षण, खाद्य संरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के सम्बन्ध में तकनीकी जानकारी देने एवं गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण किया जाना, बैंक ऋण प्राप्त करने एवं उन्नयन करने हेतु डी.पी.आर. तैयार करने के लिए हैंड-होल्डिंग सहायता प्रदान करना पूँजी निवेश, सामान्य अवसंरचना तथा ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता के लिए कृषक उत्पादन संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, उत्पादक सहकारिताओं तथा सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करना आदि हैं। उन्हांने बताया कि इस योजना की पात्रता के लिये पूर्व से स्थापित वह इकाईयां पात्र होंगी जिनमें 10 से कम कार्मिक कार्यरत हैं तथा इकाई का स्वामित्व ही आवेदक हो तथा उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है व उसकी सैक्षिक योग्यता न्यूनतम कक्षा-8 उत्तीर्ण हो। एक परिवार का केवल एक ही व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र होगा। परिवार से आशय-स्वयं, पति/पत्नी व बच्चे से है। उन्होंने बताया कि अपने उद्यम का उन्नयन करने के इच्छुक व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, जिसकी अधिकतम लागत 10 लाख रूपये प्रति उद्यम है। लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत होना चाहिए और शेष राशि बैंक से लाभार्थी को ऋण प्राप्त करना होगा। योजना में एफ0पी0ओ0 स्वयं सहायता समूहों एवं को-आपरेटिव को 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान सहित सम्पूर्ण मूल्य श्रंखला समेत पूँजी निवेश हेतु सहायता प्रदान की जायेगी।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों को सीड कैपिटल के लिये कार्यशील पूँजी तथा छोटे उपकरणों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40000 रूपये की दर से प्रारम्भिक पूँजी प्रदान की जायेगी। अनुदान के रूप में प्रारम्भिक पूँजी एस०एच०जी0 के संघ स्तर पर दी जायेगी, बदले में एस०एच०जी० को पुनः भुगतान किये जाने हेतु एस०एच०जी के माध्यम से ऋण के रूप में सदस्यों को दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि कामन आधारभूत संरचना हेतु एफ0पी0ओ0/एस०एच०जी०/ सहकारिताओं, राज्य के स्वामित्व वाली एजेन्सियों और निजी उद्यमियों को सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, प्रयोगशाला, वेयरहाऊस, कोल्ड स्टोरेज, पैकिंग एवं इन्क्यूवेशन सेन्टर समेत अवसंरचना के विकास के लिए 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।
ब्राडिंग एवं मार्केटिंग हेतु सहायता के लिये सामान्य पैकेजिंग, ब्राडिंग विकसित करने, गुणवत्ता नियन्त्रण, मानकीकरण के उपबन्ध के साथ करने तथा उपभोक्ता फुटकर विक्री के लिए खाद्य संरचना पैरामीटर का अनुपालन करने के लिए एफ0पी0ओ0/एस0एच0जी0/सहकारिताओं अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, एस०पी०वी० को ब्राडिंग और मार्केटिंग सहायता दी जायेगी। इन संगठनों को सहायता उनके द्वारा तैयार की गयी डी0पी0आर0 और राज्य नोडल एजेन्सी द्वारा दिये गये अनुमोदन के आधार पर ब्राडिंग व विपणन पर कुल व्यय का 50 प्रतिशत तक दी जायेगी।
जिला उद्यान अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि इस योजना के लिये आवेदन हेतु भारत सरकार एक एम0आई0एस0 तैयार करेगी। सहायता प्राप्त करने के लिए इच्छुक मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटें एफ0एम0ई0 पोर्टल पर आवेदन कर सकती हैं। क्षेत्र स्तरीय सहायता के लिए नियोजित जिला रिसोर्स पर्सन डी0पी0आर0 तैयार करने, बैंक ऋण प्राप्त करने, आवश्यक पंजीकरण तथा एफ0एस0एस 0ए0आई0 के खाद्य मानकों, उद्यम आधार एवं जी0एस0टी0 प्राप्त करने के लिए हैण्ड होल्डिंग सहायता उपलब्ध करायेंगे।उन्होंने बताया कि इस योजना में सरकार द्वारा अनुदान ऋणदाता बैंक में लाभार्थी के खाते में जमा किया जायेगा। यदि ऋण की अंतिम किश्त के संवितरण के 03 वर्ष की अवधि के पश्चात लाभार्थी खाता अभी भी मानक हो और उद्यम प्रचालनशील हो, तो यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में समायोजित कि जाएगी। ऋण अनुदान राशि के लिए बैंक द्वारा कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा।