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रिपोर्ट:सैय्यद मकसूदुल हसन

अमेठी। मुसाफिरखाना- पारा मार्ग पर निजामुद्दीनपुर गोमती नदी पुल के पास बड़े व गहरे गड्ढ़े मौत को दावत दे रहे हैं। ये खतरनाक गड्ढे सड़क पर चलने वाले मुसाफिरों के लिए मुसीबत बन गये हैं। आये दिन राहगीर इन गड्ढों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। किंतु जिम्मेदार अफसरानों को राहगीरों की इस बड़ी समस्या से कोई सरोकार नहीं है। गोमती नही के समीप मुख्य मार्ग पर बारिश की भेंट चढ़ चुकी पटरी पर लगभग 5 से 10 फुट के गहरे गड्ढे बन गए है। इस सड़क पर भारी मात्रा में छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन हमेशा लगा रहता है। सड़क पर पटरी किनारे बने गड्ढ़े राहगीरों की जान लेने पर आमादा है। हर रोज कोई न कोई राहगीर इन बढ़े गड्ढों में गिरकर चोटिल हो रहा है। किंतु, जान जोखिम में डालकर चलने वाले मुसाफिरों की इस बड़ी समस्या से जिम्मेदार महकमे को कोई सरोकार नहीं है। जबकि उसी सड़क के रास्ते से होकर आने जाने वाले विभाग के जिम्मेदार अफसरान अपनी आँखों पर पट्टी बांधकर आमजन की इस बड़ी समस्या को नजरअंदाज किये हुए हैं। लोगों का कहना है कि एक तरफ जहां विभाग के लोग कुम्भकर्णीय नींद में मस्त हैं, तो वही सड़क पर विवश होकर चलने वाले मुसाफिर गड्ढों के आतंक से त्रस्त हैं।

गिट्टियाँ बिखर गयी, डामर बह गये

मुसाफिरखाना पारा मार्ग के बीच मुख्य मार्ग पर जगह-2 टूटी सड़क पर बिखरी गिट्टियाँ सड़क के निर्माण में हुए भ्र्ष्टाचार की पोल खोल रही हैं तथा सड़क की खस्ताहाल दशा को बयां कर रही है। एक तरफ सड़क के बीचोबीच बिखरी गिट्टियों बड़े बड़े गड्ढे पर मजबूरन चलने वाले दुपहिया चालक, साईकिल सवार आदि लोग फिसलकर चुटहिल हो रहे है। वही दूसरी तरफ दुपहिया, चारपहिया वाहन के टायर, साकर आदि कलपुर्जे खराब होकर वाहन स्वामी पर अतिरिक्त खर्च का बोझ डाल रहे हैं। बहरहाल, सरकार को डायरेक्ट टैक्स देने वाले मुसाफिर बिखरी गिट्टियों पर चलने को विवश है। वही जिम्मेदार महकमा पीडब्ल्यूडी विभाग इस बड़ी समस्या से आंख फेरे हुए है।