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कानपुर, जेएनएन। बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों के बलिदान के बाद जिले के थानों में दो सिपाहियों की स्पेशल टीम तैयार की जा रही है। यह टीम हर शस्त्र चलाने में निपुण होगी और अधिकारियों के साथ डटकर अपराधियों से मोर्चा लेने और दबिश व छापे की कार्रवाई पूरी करेगी। इन जवानों को पुलिस लाइन में सात दिनों के लिए अटैच कर प्रशिक्षित किया जा रहा है।

बिकरू में हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे को पकडऩे गई पुलिस टीम पर विकास और उसके साथियों ने फायङ्क्षरग कर दी थी। घायल जवानों से पूछताछ में सामने आया था कि अचानक छतों से गोलीबारी शुरू होने पर कई पुलिसकर्मी जवाबी फायरिंग ही नहीं कर सके थे। कुछ जवानों ने मोर्चा लेने की कोशिश की भी, लेकिन अंधेरे में वह छतों पर चढ़े हमलावरों पर निशाना नहीं साध सके थे। इस घटना के बाद अधिकारियों ने सभी थानेदारों, दारोगाओं और हर थाने से सिपाहियों की विशेष टीम तैयार करने की योजना बनाई।

बिकरू कांड के बाद अब हर थाने से दो सिपाहियों को फायरिंग-दबिश का विशेष प्रशिक्षण देने की तैयारी
पुलिस अधिकारियों ने थानेवार टीम बनाने की कवायद शुरू की है सात दिन के प्रशिक्षण में सिपाहियों को शारीरिक रूप से फिट बनाया जा रहा है।

इसी के तहत थानेदारों व अन्य पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। सिपाहियों को सात दिन के लिए पुलिस लाइन अटैच किया जा रहा है। हाल ही में पश्चिमी जोन के सभी थानों से 40 सिपाहियों, हेड कांस्टेबल समेत कुल 70 पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण पूरा हुआ। सिपाहियों को फतेहगढ़ फायरिंग रेंज ले जाकर सभी तरह के शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण देकर फायरिंग कराई गई।

पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक सुरेंद्र विक्रम ने बताया कि फायरिंग का वार्षिक प्रशिक्षण कराया जाता है, लेकिन इस बार हर थाने से संख्या बल के आधार पर दो से तीन पुलिसकर्मियों को सात दिन के लिए अटैच करके फील्ड क्राफ्ट, टैक्टिस, वेपन हैंडलिंग का खास प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। साथ ही उन्हें शारीरिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है।

70 पुलिसकर्मी प्रशिक्षण ले चुके हैं। 15 अगस्त के बाद दूसरे बैच का प्रशिक्षण होगा। एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि सभी थानों से पुलिसकर्मियों की संख्या के हिसाब से सिपाहियों को अटैच कराकर सात दिन का विशेष प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है ताकि ये सिपाही अपराधियों का सामना कर सकें।

प्रशिक्षण में सिखा रहे ये

  • -एके 47, इंसास, पिस्टल, रिवाल्वर आदि सभी हथियारों का संचालन
  • -सभी हथियारों से फायरिंग और अंधेरे में लक्ष्य भेदने की तकनीकी
  • -शारीरिक रूप से फिट बनाने के साथ दौड़ व दीवार चढऩे की कला
  • -अपराधियों की घेराबंदी और संदिग्धों की तलाशी लेने का प्रशिक्षण
  • -दबिश से पहले इलाके की पृष्ठभूमि देखना और रास्तों का नक्शा बनाना