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लखनऊ उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोट को लुभाने के लिए उनकी हत्याओं पर मुखर विपक्षी दलों के बाद अब भाजपा के नेता भी सरकार से जवाब मांगने लगे हैं। विधानसभा के सत्र में एक बार सुलतानपुर जिले का नाम बदलने का प्रकरण उठा चुके सुलतानपुर के लम्भुआ से भाजपा के विधायक देवमणि द्विवेदी ने भी सरकार ने बीते तीन वर्ष में ब्राह्मणों की हत्या का हिसाब मांगा है।

विधायक देवमणि द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश में हो रहे ब्राह्मणों पर अत्याचार व उनकी की जा रही हत्याओं के संबंध में विधानसभा में नियम 56 के अंतर्गत उठाया सवाल और गृह मंत्री उत्तर प्रदेश से जवाब मांगे। सोशल मीडिया पर पत्र वायरल हुआ। देवमणि द्विवेदी ने इस बाबत चार दिनी मानसून सत्र में जवाब को लेकर 16 अगस्त को पत्र दाखिल किया है। उन्होंने चार दिनी मानसून सत्र में प्रदेश के गृह मंत्री यानी सीएम योगी आदित्यनाथ से छह प्रश्नों में ब्राह्मणों की हत्या के कारण और उसका पूरा हिसाब मांगा है। भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने मानसून सत्र में अपने प्रश्न का जवाब मांगने के लिए प्रमुख सचिव विधानसभा के पास अपना पत्र प्रेषित किया है।

ब्राह्मणों की हत्या पर अपनी सरकार से BJP विधायक देवमणि द्विवेदी ने मांगा जवाब
BJP MLA Against UP Governmentसुलतानपुर के लम्भुआ से भाजपा के विधायक देवमणि द्विवेदी ने भी सरकार ने बीते तीन वर्ष में ब्राह्मणों की हत्या का हिसाब मांगा है।

 

प्रदेश में ब्राह्मणों की लगातार हो रही हत्याओं से भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी काफी बेचैन हैं। इसको लेकर विधायक देवमणि द्विवेदी ने सरकार से पूछा है कि वर्तमान की भाजपा सरकार के करीब साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल में कितने ब्राह्मणों की हत्या हुई है। इन हत्याओं को अंजाम देने वाले कितने लोग पकड़े गए हैं। प्रदेश सरकार इनमें से कितने लोगों को सजा दिलाने में सफल रही है। ब्राह्मणों की सुरक्षा को लेकर सरकार की रणनीति क्या है। क्या ऐसी हालत में सरकार ब्राह्मणों को शस्त्र लाइसेंस देने में प्राथमिकता देगी। अभी तक इस सरकार के कार्यकाल में कितने ब्राह्मणों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया है और कितनों को लाइसेंस जारी हो गया है।ब्राह्मणों की हत्या पर अपनी सरकार से BJP विधायक देवमणि द्विवेदी ने मांगा जवाब

सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर करने की भी मांग

सुलतानपुर के लम्भुआ से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने इससे पहले करीब दो वर्ष पूर्व विधानमंडल के सत्र में सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर करने की भी मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का अयोध्या करने के बाद अब सुलतानपुर का नाम भी बदला जाना चाहिए। उन्होंने सुलतानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने का प्रस्ताव देने के साथ तर्क भी दिया था।