लखनऊ | उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट की जमीन पर बनने वाले जन सुविधाओं के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट आमंत्रण भेजेगा। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “चैनल के साक्षात्कार में मुख्यमंत्री से सवाल किया गया था कि अगर मस्जिद ट्रस्ट वाले बुलाएंगे तो क्या आप जाएंगे। इसके उत्तर में उन्होंने कहा था कि न वो हमें बुलाएंगे न हम जाएंगे। इसके बाद कई लोगों ने सवाल किया तो हमने बताया कि अभी कोरोना काल चल रहा है। मस्जिद का कोई कार्यक्रम नहीं है। इस्लामिक मौलवियों के अनुसार मस्जिद की संगे बुनियाद का कोई कार्यक्रम नहीं होता है। मजदूर जो बुनियाद को खोदता है, उसी को अल्लाह की दुआ कबूल होती है।”
उन्होंने कहा, “हां, इसके अलावा ट्रस्ट द्वारा इलाके की सुविधाओं के लिए कई चीजें ला रहे है। जिसमें पुस्तकालय, लंगर समेत अनेक जन सुविधाओं के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जाएगा। वह आएंगे और सहयोग भी करेंगे। मस्जिद का कोई शिला पूजन जैसी चीज नहीं होती है।”
उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मिली है। इस पर अस्पताल, लाइब्रेरी, सामुदायिक रसोईघर और रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। यह सभी चीजें जनता की सुविधा के लिए होंगी और जनता को सहूलियत देने का काम मुख्यमंत्री का होता है। इसी हैसियत से इनके शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में न सिर्फ शिरकत करेंगे, बल्कि इन जन सुविधाओं के निर्माण के लिए सहयोग भी करेंगे।
अतहर ने बताया, “अभी मस्जिद का कोई नाम नहीं तय किया गया है। बाद में तय होगा। बाबरी मस्जिद नाम नहीं होगा। ट्रस्ट में बनने वाले अस्पताल में डॉ. काफील खान के डायरेक्टर बनाने वाली बातें बिल्कुल झूठी है। इसके लिए हमने पुलिस कमिश्नर को अवगत कराया गया है। हमारा कार्यालय लखनऊ बर्लिग्टन चौराहे पर बन रहा है। अभी यह छोटे स्तर पर तैयार किया जा रहा है। हम लोग बहुत छोटे ट्रस्ट है। लेकिन जनता की सुविधाओं के देखते हुए इसे तैयार किया जा रहा है।”
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अपने फैसले में अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश जारी किया था।
बोर्ड ने इस जमीन पर मस्जिद के अलावा इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, एक अस्पताल, कम्युनिटी किचन, पुस्तकालय और म्यूजियम बनाने का फैसला किया था। इसके लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नामक ट्रस्ट बनाया गया है जो मस्जिद तथा अन्य इमारतों का निर्माण कराएगा।