लॉकडाउन के करीब 75 दिनों बाद यूपी में सोमवार को पहले दिन धार्मिकस्थल खुल गए हैं। मंदिरों में लंबे समय बाद आरती हुई जबकि गुरुद्वारों व चर्च में भी लोगों ने पहुंचकर इबादत की।
बता दें कि धार्मिक स्थलों को खोले जाने को लेकर सरकार ने पहले ही गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसके लिए धार्मिक स्थलों में भी तैयारियां की गईं। लखनऊ मनकामेश्वर मंदिर में सोमवार को आरती हुई। इसके पहले रविवार को मंदिर को सैनिटाइज किया गया। मंदिर की महंत देव्या गिरी ने कहा कि लोगों को मास्क पहनना और सैनिटाइजर रखना जरूरी है। मंदिर में आने वाले श्रद्घालुओं की पहले थर्मल स्क्रीनिंग की गई और फिर सैनिटाइजर का प्रयोग करने के बाद ही उन्हें अंदर आने दिया गया।
हालांकि, शहर के कुछ मंदिरों को नहीं खोला गया। कोनेश्वर मंदिर के दरवाजे सोमवार को भी बंद रहे। इसके अलावा, चर्च और गुरुद्वारा में सीमित संख्या में ही लोग पहुंचे और एहतियात का पूरा ध्यान रखा।
यहियागंज गुरुद्वारे में लौटी रौनक
लखनऊ स्थित यहियागंज गुरुद्वारे में भी रौनक लौट आई है। आज सुबह कई श्रद्धालु गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचे। हालांकि सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थलों में मूर्तियों को स्पर्श करना, पुस्तकों को हाथ लगाना, समूह गान आदि की अनुमति नहीं है।
मुरादाबाद में नहीं खुले धार्मिक स्थल
मुरादाबाद स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा और मनोकामना हनुमान मंदिर के पट आज नहीं खोले गए। जिले में बढ़ते संकमण के कारण जिलाधिकारी ने दो-तीन सप्ताह के बाद धार्मिक स्थलों को खोलने की बात कही है।
भक्तों के लिए खुले श्रीकृष्ण जन्मस्थान के द्वार
सोमवार से मथुरा का श्री कृष्ण जन्म स्थान भक्तों के लिए खुल गया। सुबह 7:00 बजे मंदिर के पट खुलते ही भक्तों ने ठाकुर जी के दर्शन किए। इस दौरान मंदिर प्रबंधन ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया। करीब ढाई महीने बाद अपने आराध्य के दर्शन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
गोरखनाथ मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी
सोमवार से धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति मिल गई है। सुबह सवेरे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे और गोरखनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की।
संभल: महीनों बाद चामुंडा देवी के मंदिर आए भक्त
संभल स्थित चामुंडा देवी का मंदिर भी आज महीनों बाद भक्तों के लिए खोला गया। यहां सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना जाना लगा हुआ है। हालांकि मंडिर परिसर के अंदर सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।