लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि राज्य के 8 जनपदों की 17 तहसीलों के 240 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इन गांवों के 65 हजार 564 लोग प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि बाराबंकी के 57, अयोध्या के 2, कुशीनगर के 9, गोरखपुर के 80, आजमगढ़ के 14, बस्ती के 7, संत कबीरनगर के 68 व सीतापुर के 3 गांव बाढ़ से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ से 65 हजार 564 लोग प्रभावित हैं। बाढ़ से अब तक 7 जनपदों बाराबंकी, बस्ती, गोंडा, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर, सीतापुर में 8,408़6 हेक्टेयर में बोया गया क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है।
राहुत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में दो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इनमें शारदा नदी, लखीमपुर खीरी में अपने खतरे के निशान से ़8 सेमी़ ऊपर तथा सरयू नदी, बलिया में अपने खतरे के निशान से 16 सेमी़ ऊपर बह रही है।
गोयल ने बताया कि कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के 6 जनपदों में बहराइच, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, श्रावस्ती, प्रयागराज में एनडीआरएफ व 6 जनपदों कुशीनगर, गोरखपुर, बलरामपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद में एसडीआरएफ तथा 5 जनपदों बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, गोंडा व श्रावस्ती में पी़एसी तैनात है।
राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ व अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिए बचाव व राहत प्रबंधन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 5 किलो लाई, 2 किलो भूना चना, 2 किलो अरहर की दाल, नमक, हल्दी, मिर्च, धनिया, केरोसिन, मोमबत्ती, माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, रिफाइंड तेल, क्लोरीन एवं नहाने के साबुन बांटे जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रभावित गांवों के पशुओं के चारे के लिए प्रतिदिन 5 किलो भूसा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।