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योगी सरकार उत्तर प्रदेश के विधानमंडल मानसून सत्र में पेश करेगी बजट से जुड़े तीन विधेयक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बजट और वित्त क्षेत्र से जुड़े तीन विधेयकों को विधानमंडल के मानसून सत्र में पेश करेगी। तीनों विधेयकों के ड्राफ्ट को बुधवार को कैबिनेट बाइ सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। सूत्रों के मुताबिक विधेयक के माध्यम से कोविड-19 आपदा के दृष्टिगत आकस्मिकता निधि का आकार बढ़ाने का इरादा है। इसके लिए राज्य सरकार अध्यादेश ला चुकी है।

उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध अधिनियम में संशोधन के लिए योगी सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में विधेयक लाएगी। इस विधेयक में राज्य के कर्ज लेने की सीमा को राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच फीसद करने का प्रावधान है। इसके लिए सरकार ने बुधवार को उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से प्रभावित राज्यों की सहूलियत के लिए उनके कर्ज लेने की सीमा को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया था। केंद्र के इस निर्णय के क्रम में योगी सरकार ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी दी थी। अब सरकार मॉनसून सत्र में इस बारे में विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। कर्ज की सीमा को बढ़ाने से उत्तर प्रदेश चालू वित्तीय वर्ष में तकरीबन 35000 करोड़ रुपये और कर्ज ले सकेगा।

सरकार मॉनसून सत्र में उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध (संशोधन) विधेयक भी पेश करेगी जिसके ड्राफ्ट को कैबिनेट ने अनुमोदित कर दिया है। मानसून सत्र में सरकार उत्तर प्रदेश आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक, 2020 भी प्रस्तुत करेगी। सूत्रों के मुताबिक विधेयक के माध्यम से कोविड-19 आपदा के दृष्टिगत आकस्मिकता निधि का आकार बढ़ाने का इरादा है। इसके लिए राज्य सरकार अध्यादेश ला चुकी है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र 20 अगस्त की सुबह 11 बजे शुरू होगा। वर्ष 2020 में द्वितीय सत्र के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। कोरोना महामारी के संकट के चलते इस बार उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र कुछ हटकर होगा। संक्रमण से बचने और सुरक्षित शारीरिक दूरी के पालन के लिए सदन के भीतर सिटिंग व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए विधानभवन स्थित मंडप में बैठक होगी, लेकिन सिटिंग व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा।