लखनऊ। प्रदेश सरकार के खिलाफ सहायक शिक्षक भर्ती घोटाला तथा पशुपालन विभाग में टेंडर में घपले को लेकर पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। राजधानी लखनऊ के पॉश तथा सबसे सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने पोस्टर्स लगाए थे। जिनको पुलिस ने हटा दिया है।
लखनऊ में महात्मा गांधी मार्ग पर वीवीआइपी गेस्ट हाउस की दीवार पर कुछ पोस्टर्स लगाए गए थे। इनको लगाने वालों का कहीं पर भी नाम नहीं लिखा था। जिसके बारे में जानकारी होते ही पुलिस ने हटा दिया।
लखनऊ में वीवीआइपी गेस्ट हाउस की दीवार पर मंगलवार को विवादित पोस्टर लगाए गए। इनमें 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती और पशुधन विभाग में टेंडर घोटाले को सरकार पर कटाक्ष है। दस विवादित पोस्टरों में पोस्टर लगाने वाले का नाम नहीं लिखा है। विवादित पोस्टर में सीएम योगी आदित्यनाथ और कैबिनेट सिद्धार्थनाथ सिंह के साथ घोटाले के आरोपियों को दिखाया गया है। 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती और पशुधन विभाग में टेंडर मामले में पुलिस ने कई आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली है।
यह मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने तत्काल पोस्टर्स को हटा दिया है। इसके साथ ही पोस्टर लगाने वाले की तलाश शुरू हो गई है। किसी भी पोस्टर में किसी भी पार्टी या नेता का नाम नहीं है। एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है कि पोस्टर किसने लगाया है। छानबीन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।