अयोध्या। रामनगरी में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में राममंदिर निर्माण की कार्ययोजना पर शनिवार को अंतिम मुहर लगने के साथ ही राष्ट्रमंदिर की कल्पना भी आकार ले गई। ट्रस्ट के सदस्यों ने बड़ी संजीदगी से अयोध्या में राममंदिर के साथ राष्ट्रमंदिर के भी निर्माण का रास्ता निकाला है।
भव्य राममंदिर निर्माण के लिए देश के 10 करोड़ परिवारों से धन संग्रह करके इसे राष्ट्रमंदिर के रूप में स्थापित करने की पहल की गई है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के इस कदम के मूल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का संस्कार है। यह संस्कार मंदिर आंदोलन के साथ अब रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ही नहीं, मंदिर निर्माण की योजना को भी बखूबी अनुप्राणित कर रहा है।
समझा जाता है कि 10 करोड़ परिवारों से धन संग्रह के साथ मंदिर निर्माण का अभियान पूरे देश को प्रभावित करने वाला होगा। इसके पीछे यह समीकरण भी है कि निर्माण में सहयोग करके लोग स्वयं को राममंदिर से जुड़ा महसूस करेंगे। राममंदिर के माध्यम से व्यापक पैमाने पर लोगों को जोडऩे की महत्वाकांक्षी मुहिम के सूत्रधार संघ के सह सरकार्यवाह डॉ.कृष्णगोपाल हैं। ट्रस्ट गठन के साथ ही वह मंदिर निर्माण की मुहिम के केंद्रीय घटक के तौर पर देखे जाते रहे हैं।
ट्रस्ट की बैठक में शनिवार को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर उनकी मौजूदगी से यह स्पष्ट हो गया कि मंदिर निर्माण की योजना से उनका जुड़ाव किस हद तक है। बैठक के बाद कृष्णगोपाल रामनगरी के ऋषभदेव जैन मंदिर भी गए।
इस यात्रा के साथ उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस तरह से मंदिर निर्माण की मुहिम को आगे बढ़ाकर 10 करोड़ परिवारों के साथ मत-मतांतरों में विभाजित विभिन्न भारतीय संप्रदायों को एकसूत्र में पिरोया जा सकेगा। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपतराय ने ‘जागरण’ से संक्षिप्त मुलाकात में कहा कि मंदिर आंदोलन संघ की उपज रहा है और उसके निर्माण की मुहिम से अलग होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती।