अयोध्या। रामजन्मभूमि पर भव्यतम मंदिर की मांग के विपरीत पुराने मॉडल के अनुरूप निर्माण की तैयारी परवान चढ़ रही है। निर्माण की कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के प्रतिनिधियों की सक्रियता बता रही है कि निर्माण कार्य शुरू होने में अधिक दिन नहीं है। एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज श्रीवास्तव सहित कई अन्य कर्मी रामनगरी में डेरा भी जमा चुके हैं और अब वे मंदिर निर्माण में संलग्न होने वाले 100 से अधिक स्टाफ के लिए आवासीय परिसर सुनिश्चित करने में लगे हैं।
पहले समझा जा रहा था कि मंदिर निर्माण में जुटने वाले कर्मी रामजन्मभूमि परिसर में ही डेरा जमाएंगे, पर कंपनी ने इस संभावना को खारिज कर विहिप के स्वामित्व वाली रामसेवकपुरम कार्यशाला एवं रामकथाकुंज कार्यशाला परिसर में स्टाफ के लिए आवासीय परिसर की संभावना तलाशनी शुरू कर दी है। एल एंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर दो-तीन चुनिंदा सहयोगियों के साथ रामघाट स्थित न्यास कार्यशाला का निरीक्षण भी कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कार्यशाला का अवलोकन किया। तराशे गए पत्थरों को न्यास कार्यशाला से रामजन्मभूमि परिसर तक लाए जाने की संभावनाओं पर विचार किया।
इसी के तहत तराशे गए पत्थरों को न्यास कार्यशाला की दक्षिण तरफ की दीवार तोड़कर विशाल गेट बनाया जाएगा। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के रास्ते से शाहनेवाजपुर चौराहा, महोबरा चौराहा एवं टेढ़ीबाजार चौराहा होते हुए गंतव्य तक पहुंचाए जाने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार 11 मई से शुरू परिसर के समतलीकरण का काम गत सप्ताह ही पूरा हो गया है। इस सप्ताह मंदिर की बुनियाद ढाली जा सकती है।
मंदिर के मुख्य शिल्पी इसी माह पहुंचेंगे अयोध्या
1989 में रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर का मॉडल तैयार करने वाले सीके सोमपुरा इसी सप्ताह रामनगरी पहुंच रहे हैं। न्यास कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा के अनुसार एवं तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के आमंत्रण पर अयोध्या पहुंच रहे हैं।