अयोध्या: अयोध्या के राम मंदिर निर्माण (Ayodhya Ram Temple Construction) की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। मंदिर के नए मॉडल में कुछ बदलाव देखे जाएंगे क्योंकि 1988 में बने डिज़ाइन में कुछ अहम बदलाव किए जा रहे हैं। मंदिर के आर्किटेक्ट ने बताया कि मंदिर को पिछली डिज़ाइन में तय ऊंचाई से ज़्यादा ऊंचा बनाया जा रहा है। मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। पिछली डिज़ाइन में इसकी ऊंचाई 141 फीट तय की गई थी। जानकारी है कि मंदिर का निर्माण 5 अगस्त को भव्य भूमि पूजन के साथ शुरू होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ विशेष अतिथियों को बुलाया जाएगा, इसमें पीएम मंदिर की नींव रखेंगे।
आर्किटेक्ट और मंदिर के मुख्य आर्किटेक्ट-सी सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा ने बताया कि ‘इसके पहले की डिज़ाइन 1988 में बनाई गई थी। 30 साल बीत चुके हैं…अब पहले से ज़्यादा लोगों के आने की उम्मीद है। लोग भी इस मंदिर में दर्शन करने के लिए काफ़ी उत्साहित हैं। तो हमने सोचा कि इसका आकार बढ़ाना चाहिए. संशोधित डिज़ाइन के अनुसार, मंदिर की ऊंचाई 141 फीट से बढ़ाकर 161 कर दी गई है।’ उन्होंने बताया कि नई डिज़ाइन में-में दो नए मंडप भी जोड़े गए हैं। उन्होने कहा, ‘पिछली डिज़ाइन के मुताबिक जो पिलर और नक्काशी वाले पत्थर बनाए गए हैं, वह सब इस्तेमाल किए जाएगे, बस दो नए मंडपों को जोड़ा गया है।’
निखिल सोमपुरा ने बताया कि मंदिर के निर्माण में तकरीबन साढ़े तीन साल लगेंगे। उन्होंने कहा कि ‘पीएम की मौजूदगी में भूमि पूजन हो जाने के बाद, निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। L&T (Larsen and Toubro) की टीम मशीनरी और निर्माण सामग्री के साथ निर्माण स्थल पर पहुँच चुकी है और नींव रखने का काम तुरंत शुरू हो जाएगा। निर्माण पूरा होने में 3 से साढ़े तीन साल लगेंगे।’
जानकारी है कि 5 अगस्त को हो रहे भूमि पूजन समारोह में तीन दिन पहले से वैदिक रीति रिवाजों से अनुष्ठान शुरू हो जाएगा। न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, अनुष्ठान 3 अगस्त से शुरू हो जाएगा। पीएम मोदी यहाँ 40 किलोग्राम की चांदी की ईंट नींव के पत्थर के तौर पर रखेंगे। इस समारोह में 50 से ज़्यादा विशिष्ट मेहमान इकट्ठा नहीं होंगे। भूमि पूजन दो महीने पहले ही होना था, लेकिन कोरोनावायरस के चलते इसे टालना पड़ा था।
मंदिर की जिम्मेदारी लेने वाले ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि पूरे अयोध्या में बड़े सीसीटीवी स्क्रीन लगाए गए हैं, ताकि लोग वहाँ से आयोजन देख सकें।