लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस बार कुख्यात बदमाशों और आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराने वाले यूपी पुलिस के 23 अधिकारियों को वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक (गैलेंट्री अवार्ड) प्रदान किया जाएगा। डीआईजी पुलिस भर्ती बोर्ड के पद पर तैनात विजय भूषण को पांचवीं बार वीरता पदक मिल रहा है। इसके साथ ही वह उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक बार वीरता पदक हासिल करने वाले अधिकारी बन गए हैं।
वीरता पदक पाने वालों में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी 112 असीम अरुण, एसपी बाराबंकी डॉ.अरविंद चतुर्वेदी, सचिव गृह (आईजी) एसके भगत, एसएसपी मेरठ अजय कुमार साहनी, एसएसपी मुजफ्फरनगर अभिषेक यादव व एएसपी सिटी मुजफ्फरनगर सतपाल के भी नाम शामिल हैं। एटीएस में तैनात रहे एएसपी राजेश साहनी व सिपाही एकांत यादव को मरणोपरांत यह पदक दिया जा रहा है।
डीजीपी के पीआरओ एएसपी अभय नाथ त्रिपाठी के अनुसार स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश पुलिस के 645 पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को राष्ट्रपति के पदक से सम्मानित किया जाएगा। इनमें 23 को वीरता पदक, छह पुलिसकर्मियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए तथा 73 पुलिसकर्मियों को दीर्घकालीन सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से 43 पुलिसकर्मियों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिह्न, 200 पुलिसकर्मियों को सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न और 230 पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को डीजीपी का प्लेटिनम, गोल्ड व सिल्वर प्रशंसा चिह्न प्रदान किया जाएगा।
डीजी आरपी सिंह समेत पांच को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर डीजी ईओडब्ल्यू डॉ. आरपी सिंह समेत पांच पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा। यह पदक पाने वालों में एडीजी लखनऊ जोन एसएन साबत, अलीगढ़ के निरीक्षक लोकेश कुमार, पुलिस उपाधीक्षक डीके शाही व लखनऊ में तैनात रही पुलिस उपाधीक्षक डॉ.अर्चना सिंह के नाम भी शामिल हैं। 10 अगस्त को नामांकन प्रस्तावों पर शासन स्तर पर हुई बैठक के बाद पदक पाने वाले अधिकारियों की सूची जारी की गई है। बिजलीकर्मियों के बहुचर्चित पीएफ घोटाले समेत अन्य आर्थिक अपराध के बड़े मामलों की प्रभावी जांच के लिए डीजी ईओडब्ल्यू को इस पदक के लिए चुना गया है।
आतंकी सैफुल्लाह को किया था ढेर : लखनऊ में सात मार्च 2017 को आतंकी सैफुल्ला को मार गिराने वाले आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम को सात वीरता पदक मिले हैं। इनमें तत्कालीन आईजी एटीएस असीम अरुण, एएसपी राजेश साहनी (मरणोपरांत), कमांडो विकास यादव, महेंद्र पाल, फहीम मियां, अतहर अहमद और अविनाश कुमार शामिल हैं। असीम अरुण खुद एनएसजी से कमांडो की ट्रेनिंग ले चुके हैं और प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाली एसपीजी टीम का नेतृत्व भी कर चुके हैं। एएसपी राजेश साहनी ने 29 मई 2018 को एटीएस मुख्यातय में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
मुंबई में मारा गया था कुख्यात फिरदौस : भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद माफिया मुख्तार अंसारी के शूटरों की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने अप्रैल 2006 में मुंबई में कृष्णानंद राय हत्याकांड में शामिल मुख्तार अंसारी गिरोह के शूटर फिरदौस को मार गिराया था। इस ऑपरेशन में तत्कालीन एसएसपी एसटीएफ एसके भगत, एएसपी विजय भूषण, पुलिस उपाधीक्षक डॉ.अरविंद चतुर्वेदी व उपनिरीक्षक धनंजय मिश्रा शामिल थे। पचास हजार के इनामी बदमाश फिरदौस उर्फ मोटा को ढेर करने वाली टीम के चारों सदस्यों को 14 साल बाद वीरता पदक मिला है। डॉ.अरविंद चतुर्वेदी को दूसरी बार गैलेंट्री मिला है। वर्तमान में वह एसपी बाराबंकी के पद पर तैनात हैं।
एडीजी ने एक लाख के इनामी को किया था ढेर : दारोगा को गोली मारकर पुलिस अभिरक्षा से भाग निकले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्ताय रोहित सांडू व उसके साथी राकेश यादव को मुजफ्फरनगर में पुलिस ने 16 जुलाई 2019 को मार गिराया था। तत्कालीन एडीजी जोन मेरठ प्रशांत कुमार की अगुवाई में हुई इस मुठभेड़ में तत्कालीन एसएसपी मुजफ्फरनगर अभिषेक कुमार यादव, एसपी सिटी सतपाल, उपनिरीक्षक प्रवेश कुमार, अजय कुमार व सिपाही विनीत कुमार कपासिया शामिल थे। सभी को वीरता पदक मिला है।
हत्या की साजिश को किया था नाकाम : आजमगढ़ में पुलिस अभिरक्षा से फरार शातिर अपराधी सुजीत बुढवा को मुठभेड़ में मार गिराने वालेे तत्कालीन एसएसपी आजमगढ़ अजय कुमार साहनी, एएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह व सिपाही अवधेश को वीरता पदक मिला है। सुजीत बुढवा रामपुर जेल से पेशी के लिए मऊ आने के दौरान आजमगढ़ में भाग निकला था। वह एमएलसी यशवंत सिंह की हत्या की साजिश रच रहा था। एएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह को दूसरी बार वीरता पदक मिला है। अजय कुमार साहनी वर्तमान में एसएसपी मेरठ हैं।
13 कारागार कर्मियों को राष्ट्रपति का पदक : कारागार सेवा के अधिकारियों व कर्मियों के लिए इस बार स्वतंत्रता दिवस खास है। देश में इस सेवा के कर्मियों में राष्ट्रपति के सबसे अधिक 13 मेडल यूपी के जेल कर्मियों को मिले हैं। डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि तीन जेल कर्मियों को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पदक तथा दस कर्मियों को दीर्घ व सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पदक प्रदान किया गया है। इनमें विशिष्ट सेवाओं के लिए पदक में डीआइजी संजीव त्रिपाठी, हेड जेल वार्डर अनिल कुमार वाजपेयी व एआइजी वीके जैन (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं। इसके अलावा डीआइजी बीआर वर्मा, जेलर संजीव कुमार सिंह, डिप्टी जेलर श्रीचंद्र शर्मा, मुख्य बंदी रक्षक शिवाकांत ओझा, गीता रानी, अख्तर आबिद खान,अनिल कुमार वाजपेयी, शिव कुमार शर्मा, संयोगिता यादव व बंदी रक्षक सुभाष शर्मा को दीर्घ व सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पदक दिया जाएगा।