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प्रयागराज। जिले के मऊआइमा क्षेत्र में कपड़ा बनाने के लिए सैकड़ों पावरलूम स्थापित हुए। मऊआइमा सहित आसपास के करीब 15 किलोमीटर के गांवों में यह कारोबार चलता रहा। इससे करीब दस हजार लोगों को रोजगार मिला। पावरलूम बिजली से चलते हैं। मार्च 2020 तक बिजली का फिक्स्ड चार्ज लगने से बिजली पर खर्च कम होता था और धंधा ठीक चल रहा था। अब पहली अप्रैल 2020 से प्रदेश सरकार ने बिजली के मीटर लगा दिए। इससे करीब तीस गुना बिल बढ़ जाने पर बुनकर पावरलूम बंद कर रहे हैं।

हजारों बुनकर बेरोजगार हो गए

कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौर में बुनकरों को बिजली विभाग के कारण पॉवरलूम बंद करने पर विवश होना पड़ा। पहले पावरलूम पर बिजली का फिक्स्ड चार्ज लगता लगता था लेकिन अब मीटर लगाकर बिल वसूली करने से खर्च करीब तीस गुना बढ़ गया है। ऐसे में कनेक्शन कटवाकर अपना पैतृक धंधा बंद कर रहे हैं। इससे हजारों बुनकर बेरोजगार हो गए हैं।

250 ने कनेक्शन कटवाया कनेक्‍शन

बुनकरों ने बताया कि मऊआइमा और आसपास के गांवों में पावरलूम के सात सौ कनेक्शन हैं। एक कनेक्शन से कई पावरलूम चलते हैं। बिजली की बिलिंग का तरीका बदला तो करीब 250 ने कनेक्शन कटवा लिया। कई अन्य ने कनेक्शन कटवाने के लिए आवेदन किया है।

मीटर रीडिंग के बाद बिल पर मिलेगी सब्सिडी

फाफामऊ के अधिशासी अभियंता अविनाश पटेल ने बताया कि पावरलूम के बिजली का बिल अब मीटर रीडिंग के हिसाब से देना होगा, हालांकि उसमें सब्सिडी दी जाएगी। 0.5 हार्स पावर के पावरलूम लगाने वाले बुनकर को 120 यूनिट और एक हार्स पावर के पावरलूम वाले बुनकर को 240 यूनिट तक महीने में खर्च करने पर बिल चार्ज 3.50 रुपये यूनिट लगेगा। इससे ज्यादा पर सामान्य चार्ज लगेगा। यही बदलाव हुआ है।

क्या कहते हैं बुनकर

पावरलूम उद्योग से इलाके के हजारों परिवारों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। इसे बचाने के लिए संघर्ष किया जाएगा। सरकार बढ़ा बिजली बिल वापस करे और कारोबार चलने दे।

– मोहम्मद शोएब अंसारी, अध्यक्ष मऊआइमा पावरलूम बुनकर एसोसिएशन

बुनकरों की बदहाली और प्रवासी मजदूरों को काम देने के लिए पावरलूम संचालन से बेहतर कोई और रोजगार नहीं है। मऊआइमा में यह कारखाने चल जाएं तो स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

– मोहम्मद फारूक अंसारी, महामंत्री पावर लूम बुनकर एसोसिएशन

बिजली का बिल महंगा हो गया तो पावरलूम को बंद कर दिया। इससे इलाके के सभी कारोबार प्रभावित हुए हैं। सरकार पुराने पैटर्न पर बिल वसूले तो हमारा काम चल सकेगा।

– वकार अंसारी, बुनकर

हमारे सामने पावरलूम चलाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। यह काम हम पीढ़ी दर पीढ़ी करते आए हैं। सरकार बुनकरों की समस्या का समाधान नही करती तो बड़ी मुसीबत होगी।

– मोहम्मद जीलानी, बुनकर

पावरलूम कारखाने में पिछले बीस वर्षों से काम कर रहे हैं। इसमें पूरा परिवार लगा हुआ है। इससे रोजी रोटी चल रही है। अब इसके बंद होने से परिवार पर आर्थिक संकट शुरू हो गया है।

– शिव प्रसाद प्रजापति, पावर लूम श्रमिक

पहले पॉवर लूम का कारखाना चलाते थे लेकिन अब चलाना महंगा पड़ गया है। बिजली का बिल अधिक आने से कारोबार को बंद करना पड़ा है। पहले जैसे छूट मिले तो फिर से शुरू कर सकते हैं।

– बदरुज्जमा, कारखाना मालिक