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लखनऊ। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के कानपुर में पुलिस एनकांउटर में ढेर होने के बाद अब उसके करीबियों तथा फाइनेंसर जय वाजपेयी पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कस रहा है। प्रदेश सरकार विकास दुबे के आर्थिक साम्राज्य की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है। अब विकास दुबे के परिवार और सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होगा।

अरबों रुपये की बेनामी संंपतियों के मालिक जय वाजपेयी ही विकास के काला धन को निवेश करता था, इतना ही नहीं वह विकास दुबे से करोड़ों रुपया लेकर लोगों को ब्याज पर देने का भी बड़ा काम करता था। केंद्र सरकार की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम विकास दुबे और जय वाजपेयी के बीच होने वाले सारे लेनदेन की जांच करेगी। जय वाजपेयी अभी फिलहाल एसटीएफ के शिकंजे में है। विकास दुबे ने जय वाजपेयी के माध्यम से देश और विदेश में अपनी बड़ा आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया था। विकास दुबे ने करीब 35 वर्ष का आपराधिक जीवन में अरबों रुपयों की अकूत संपत्ति अॢजत की। इसको वह जय वाजपेयी के माध्यम से कई धंधों में लगाता था। रियल एस्टेट में तो उसने भारत के साथ ही दुबई व थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में बड़ा निवेश किया था।

पुलिस और एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू कर दी

विकास दुबे की फरारी के दौरान ही पुलिस और एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू कर दी थी। इसी बीच विकास दुबे और जय वाजपेयी का कनेक्शन सामने आया था। एसटीएफ तथा पुलिस ने इनके बीच लेनदेन का ब्यौरा जुटाया है। जिसके बाद ईडी ने भी पड़ताल की तो विदेशों में निवेश का मामला सामने आ गया है। एसटीएफ तथा पुलिस ने ईडी को जय वाजपेयी के स्टेट बैंक रामकृष्ण नगर में खाता का ब्यौरा दिया है। इस खाते में बीते एक वर्ष में करीब एक करोड़ का लेन-देन हुआ। इनमें भी करीब 60 लाख रुपये जय वाजपेयी ने खुद ही निकाले हैं। यह रकम कहां से आती थी और किस काम में खपाई जाती थी इसके लिंक तलाशे जा रहे हैं। जय वाजपेयी की पत्नी श्वेता के खाते से एक वर्ष में 60 लाख का लेनदेन हुआ। इनमें 45 लाख रुपए खुद श्वेता ने निकाले हैं, जबकि बाकी की रकम चेक के जरिए अन्य लोगों ने निकाला।

जय वाजपेयी की नेता व अधिकारियों में पैठ, विकास को लाभ

पांच लाख का इनामी बदमाश विकास दुबे सीधे अधिकारियों या नेताओं में पैठ नहीं बनाता था। वह इस काम में जय वाजपेयी की मदद लेता था। जय वाजपेयी ही इन नेता तथा अधिकारियों की मदद से विकास दुबे की काली कमाई का निवेश करता था।

ईडी को काली कमाई की जांच

विकास दुबे की काली कमाई की जांच की जिम्मेदारी शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दी गई थी। ईडी विकास दुबे और उसके करीबी जय वाजपेयी की अवैध चल-अचल संपत्तियों, आॢथक अपराध की कुंडली खंगालने जा रही है। जांच एजेंसी यह भी खंगालेगी कि विकास दुबे ने जय वाजपेयी के साथ मिलकर देश-विदेश में कहां-कहां और कितनी अवैध संपत्तियां बनाई हैं। विकास दुबे और जय वाजपेयी के पास कानपुर के साथ-साथ उत्तराखंड, मुंबई, नोएडा में करीब दो दर्जन से ज्यादा प्लॉट और मकान हैं। जय वाजपेयी ने दुबई और बैंकॉक में करीब 25 करोड़ के दो आशियाने खरीद रखे हैं।

जय वाजपेयी कानपुर के बड़े उद्योगपति और विकास दुबे के लिए प्रॉपर्टी डीलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग दोनों का काम करता था। कानपुर में विकास दुबे के अपराध और पुलिस गठजोड़ की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी भी अवैध रूप से जुटाई गई संपत्ति को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। ईडी लखनऊ जोनल ऑफिस ने कानपुर रेंज के आईजी को पत्र लिखकर विकास दुबे की संपत्तियों की डिटेल मांगी है। ईडी की मांग पर पुलिस ने विकास की बेनामी संपत्तियों का कच्चा चिट्ठा निकालना शुरू कर दिया है। विकास दुबे की फरारी के बाद पुलिस ने जब उसके घर छापा मारा था तो उसकी संपत्तियों के कई दस्तावेज मिले थे। विकास दुबे ने अपनी काली कमाई छिपाने के लिए अपने रिश्तेदारों को भी मोहरा बनाया था, उसने अपने रिश्तेदारों के नाम भी प्रॉपर्टी खरीद रखी थी।

देश में नोटबंदी से पहले ही विकास दुबे से जय वाजपेयी ने 6.30 करोड़ रुपये की नगदी को दो प्रतिशत ब्याज पर लेकर बाजार में पांच प्रतिशत ब्याज पर दिया था। विकास दुबे ने कई लोगों का पैसा नोटबंदी के दौरान निवेश किया था। विकास दुबे ने नोटबंदी के दौरान करीब पचास करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी थी। इसमें काफी पैसा कानपुर के एक व्यवसायी का था।

ईडी के राडार पर यह व्यवसायी है। उसके पास बड़े-बड़े बिजनेसमैन धन सुरक्षित रखने आते थे। विकास दुबे को कानपुर के नामी गिरामी बिजनेसमैन से फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट में दी थी। विकास दुबे ने कई लोगों का पैसा नोटबंदी के दौरान निवेश किया था। विकास दुबे ने नोटबंदी के दौरान करीब पचास करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी थी। विकास दुबे के नाम से लखनऊ में दो बड़े मकान हैं। लखनऊ-कानपुर में विकास दुबे ने कई फ्लैट और मकान खरीद रखे हैं। जय वाजपेयी ही विकास दुबे का विश्वस्त सहयोगी है।