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विहिप राममंदिर भूमि पूजन को यादगार बनाने की तैयारी में

अयोध्या। अयोध्या में जन्म भूमि पर रामलला का भव्यतम मंदिर बने यह देश-दुनिया के करोड़ों हिंदुओं का सपना था। काफी संघर्ष और कई कुर्बानियों के बाद राममंदिर निर्माण की घड़ी नजदीक आ गयी है। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर के लिए भूमिपूजन पांच अगस्त की तारीख को तय किया गया है। विश्व हिन्दू परिषद इस ऐतिहासिक पल को याद्गार बनाना चाहती है। उसकी चाहत घर-घर गांव-गांव दीपोत्सव मनाने की है।

विहिप की मंशा है कि प्रत्येक हिंदू परिवार को गौरवमयी अवसर से जोड़ने के लिए बृहद अभियान चलाया जाए। मंदिर निर्माण की शुरूआत वाले दिन 5 अगस्त की शाम को लोगों के घरों में 5-5 दीपक जलाने और आरती का आग्रह किया गया है, जिससे इस गौरवमयी क्षण को यादगार बनाया जा सके।

विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा का कहना है कि “साधु-संत और रामभक्त चाहते है कि पांच अगस्त को घरों में दीपक जले और आरती हो। तो विहिप उनकी भावना का स्वागत करते हैं। हालांकि विहिप का कोई ऐसा कार्यक्रम का अह्वाहन नहीं है। किसी के मन में आया उसने सोशल मीडिया में डाल दिया। इसका प्रसार भी हो गया। लोग अपनी श्रद्घा से करेंगे तो उसमें क्या मनाही है।”

उन्होंने कहा कि “भूमि पूजन के बाद यदि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी श्रद्घा भाव से घंटा-घड़ियाल और शंख ध्वनि इत्यादि करना चाहते हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है।”

विहिप मंदिर फैसले के बाद भी एक विजयोत्सव मनाना चाहती थी लेकिन माहौल खराब न होंने पाए आरएसएस और सरकार की अपील के बाद उसने स्थगित कर दिया था। उस समय विहिप चाहती थी मंदिर का विजय उत्सव मनाया जाए तथा आन्दोलन में आहुति देने वाले हर व्यक्ति के परिजनों के सम्मान में एक बड़ा कार्यक्रम भी हो। इसके अलावा मंदिर निर्माण के सरोंकारों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। इसके लिए अलग-अलग प्रांतों से लोंगों को बुलाया जाए।

मगर कोरोना महामारी के कारण उनकी यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी थी। बदले हालात में अब विहिप चाहती है कि राममंदिर के ऐतिहासिक अवसर को जनभावना से जोड़ा जाए,चाहे वह भले ही सांकेतिक हो। इसलिए उसने घरों, मंदिरों में दीपोत्सव और आरती का मन बनाया है। इससे पहले भी कोरोना काल में संगठन के ढांचे को और मजबूत करने व हिन्दुत्व रंग फीका न पड़ने की विहिप रणनीति बना रहा है।

उधर, राममंदिर निर्माण के लिए आगामी 5 अगस्त को भूमि पूजन पर सारे विश्व की निगाहें टिकी हुई हैं। दूसरी तरफ ट्रस्ट राममंदिर परिसर की भूमि पर त्रेतायुग का अहसास कराने की तैयारी में है। ऐतिहासिक पौराणिकता का अहसास करने के लिए ट्रस्ट तेजी से जुटा हुआ है। अभी राममंदिर के भूमि पूजन की तैयारी चल रही है। इसके लिए ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री को आमंत्रण भेजा गया है। मगर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।