लखनऊ। भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने अयोध्या के ढांचा विध्वंस मामले में बुधवार को विशेष अदालत के समक्ष बयान दर्ज कराते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए उस समय की कांग्रेस सरकार ने विद्वेष की भावना से मुकदमा पंजीकृत कराया था। विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने उनका बयान दर्ज करने के बाद अन्य आरोपितों के बयानों के लिए 18 जून की तिथि नियत की है।
साक्षी महाराज ने करीब एक हजार से अधिक सवालों के जवाब में सीबीआइ के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनके विरुद्ध लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। यह मामला उस समय की कांग्रेस सरकार (केंद्र) एवं पूर्व सरकार (राज्य) के कुचक्र का परिणाम है। जिसने आपस में मिलकर षड्यंत्र रच कर सभी को फंसाया, जिससे कि वह उसका राजनीतिक लाभ उठा सकें। साक्षी महाराज ने अपने बयान में कहा कि उस समय की सरकार ने उच्च न्यायालय की अनुमति से होने वाली कारसेवा के स्वरूप को ध्वस्त करने के लिए दो ढाई सौ अराजकतत्वों को कारसेवक के वेश में भेजने का कार्य किया था।
घटनाओं से हमारा कोई संबंध नहीं
आरोपित साक्षी महाराज ने पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित होने की बात कहते हुए कहा कि अयोध्या के ढांचा विध्वंस मामले में और वहां की घटित घटनाओं से उनका कोई संबंध नहीं है। वह मामला चाहे अयोध्या में शिलान्यास का हो या राम जन्मभूमि का ताला खुलवाने का या मंदिर के अंदर मूॢत रखने का हो। यह सभी काम कांग्रेस की सरकारों द्वारा षड्यंत्र रचकर किया गया था। साक्षी महाराज ने स्वयं को निर्दोष बताया और कहा कि वह अपने को निर्दोष साबित करने के लिए बचाव साक्ष्य अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। अदालत के समक्ष बुधवार को साक्षी महाराज के अलावा अन्य कोई आरोपित उपस्थित नहीं हुआ। इस प्रकरण में अब तक 11 आरोपितों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। अदालत मामले में 18 जून को भी सुनवाई करेगी।
साढ़े तीन घंटे से अधिक चली सुनवाई
बचाव पक्ष के वकील केके मिश्र ने बताया कि 313 सीआरपीसी के अंतर्गत न्यायालय द्वारा साक्ष्यों के आधार पर बनाए गए 1047 प्रश्नों के उत्तर साक्षी महाराज ने दिए। बयान देने वाले ये 11वें आरोपित हैं।
आडवाणी, कल्याण व जोशी समेत दस लोगों का ऑनलाइन दर्ज होगा बयान
अदालत में सुनवाई के दौरान पूर्व आदेश के अनुपालन में बचाव पक्ष के वकीलों ने पूर्व जिला मजिस्ट्रेट आरएन श्रीवास्तव, महंत नृत्य गोपाल दास, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, जय भगवान गोयल, अमरनाथ गोयल, सुधीर कक्कड़, आचार्य धर्मेंद्र देव, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर व पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निवास स्थान का पता दाखिल किया गया। अदालत ने कहा है कि जिन आरोपितों के निवास स्थान का पता दाखिल नहीं किया गया है, वह स्वयं अदालत में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराना सुनिश्चित करें। बचाव पक्ष द्वारा लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी का पता दाखिल करते हुए कहा गया कि उमा भारती स्वयं अदालत में हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराएंगी।