भदोही। कानपुर के चौबेपुर में विकास दुबे के आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपराधियों पर नकेल कस रही है। अपराध व अपराधी पर किसी भी प्रकार के रहम न दिखाने का प्रण कर चुकी प्रदेश की पुलिस अब उनको दूसरी दुनिया का रास्ता दिखा चुकी है।
कारपेट नगरी भदोही में पुलिस ने बाल सुधार गृह रामनगर, वाराणसी से फरार होने के बाद अपराध जगत में बादशाहत जमाने वाले दीपक गुप्ता उर्फ रवि को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। दीपक उर्फ रवि पर अंबेडकरनगर में 15,000 व वाराणसी पुलिस ने 10000 रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके साथ भदोही पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था। मुठभेड़ के दौरान स्वाट थाना प्रभारी अजय सिंह भी जख्मी हुए हैं।
भदोही के पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह ने बताया कि सोमवार की रात करीब 1:30 बजे थानाध्यक्ष सुरियावां व स्वाट प्रभारी चेकिंग में निकले थे। चकिया तिराहे पर दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल से आते दिखाई दिए। उन्हेंंं रुकने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई जिसमें कांस्टेबल सचिन के बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी। मुठभेड़ में क्राइम ब्रांच प्रभारी अजय सिंह सेंगर के पैर में गोली है जबकि एक सिपाही सचिन झा की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी। स्वाट प्रभारी अजय सिंह के पैर में गोली लग कर पार हो गई। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दीपक उर्फ रवि मारा गया और दूसरा फायर करते हुए भाग गया।
50 हजार के इनामी बदमाश दीपक को दो गोली लगी। इसके बाद दीपक को अस्पताल भेजा गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।मारे गए बदमाश दीपक के विरुद्ध प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में कुल 14 मुकदमा दर्ज है। पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि इस मुठभेड़ में क्राइम ब्रांच प्रभारी अजय सिंह सेंगर के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गए है। उनको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुठभेड़ में मारा गया बदमाश दीपक गुप्ता सुरियावां थाना का निवासी है। दीपक गुप्ता के पास से एक रिवाल्वर और एक देशी तमंचा बरामद हुआ है। दीपक कुछ वर्ष पहले बाल सुधार गृह से फरार हुआ था। इस मुठभेड़ में बदमाशों ने पुलिस टीम पर दस फायर झोंके थे। घटना स्थल पर कई खोखे मिले है। बदमाश दीपक वर्ष 2014 में रामनगर वाराणसी के नाबालिग बाल सुधार गृह से फरार हुआ था। इसने 2012 में भदोही के सुरियावां में एक व्यक्ति की हत्या की थी। बाद में इसे 18 वर्ष से कम उम्र होने के कारण रामनगर की जेल में शिफ्ट किया गया था।