गाजियाबाद। गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में स्थित एक नामी स्कूल में पिछले 15 साल से नौकरी कर रहे 40 कर्मचारी और 30 टीचर को महज 4 दिन का नोटिस देकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इन अध्यापक और कर्मचारियों का आरोप है कि एक तरफ स्कूल प्रबंधन बच्चों से लगातार फीस वसूल रहा है ।वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों और शिक्षकों को आधा वेतन देकर ही उन्हें टाल दिया गया और अब उन्हें बहुत कम समय के नोटिस पर ही नौकरी से भी निकाल दिया गया है।
गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में दिल्ली पब्लिक स्कूल है जो कि काफी नामी है। इतना ही नहीं इस स्कूल में ज्यादातर बच्चों के दाखिले सिफारिश के बाद ही होते हैं ,और इस स्कूल की फीस भी अन्य स्कूलों की अपेक्षा ज्यादा है ।यहां पर सैकड़ों की संख्या में टीचर और कर्मचारी है। इस कोविड-19 महामारी काल में जहां एक तरफ समूचा देश आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है ,और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा भी लगातार यह निर्देश दिए जा रहे हैं ।कि किसी को नौकरी से ना निकाला जाए ।उसके बावजूद भी इस स्कूल के प्रबंधन के द्वारा महज 4 दिन के नोटिस पर ही 70 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। जिसके बाद से यह सभी टीचर और कर्मचारी बेहद परेशान हैं और इनके सामने अब रोजगार का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
उधर इस पूरे मामले में पेरेंट्स एसोसिएशन की सदस्य प्रियंका राणा ने बताया कि जहां एक तरफ स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के अभिभावकों से पूरी फीस वसूलने में का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ बिना कुछ खर्च किए 40 से 50% तक वेतन काटकर कर्मचारी और टीचर्स को दिया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है। कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से फीस वसूलने के बाद अपनी जेब भरने में लगा हुआ है।
बहराल अब स्कूल से निकाले गए सभी टीचर और कर्मचारी एक प्लेटफार्म प्लेटफार्म पर आ गए हैं और इंस्टाग्राम पर abandon_dpsi नाम से एक अकाउंट बनाया हुआ है ।जिस पर आकर उन्होंने स्कूल के द्वारा लिए गए इस निर्णय का विरोध करना शुरू कर दिया है ।जहां के टीचर्स का कहना है कि 10 से 15 साल पुराने टीचर्स को भी महज 4 दिन के नोटिस पर ही बाहर का रास्ता दिखाया गया है।