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लखनऊ/सीतापुर। पूरी दुनिया इस समय कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में है क्योंकि इंसान ने प्रकृति का सिर्फ और सिर्फ दोहन ही किया है। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की ऐसी ही घटना सीतापुर के तंबौर थाना के ग्राम दरियाना में घटित हुई है। जिसमें150 कौवों को जहर मिला आटा खिलाकर मार डाला गया। सीतापुर की इस घटना में इतनी तादाद में कौवें मर गए लेकिन वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना तक नहीं। और जब डीएफओ सीतापुर को फोन किया गया तो उन्होंने अपना फोन उठाया तक नहीं।
जब इतनी बड़ी घटना की पड़ताल हमने शुरू करी तो कई छुपे तथ्य सामने आए। रमेश चंद्र मिश्रा ने पुलिस को तहरीर देकर गांव में एक आम की बाग की रखवाली कर रहे सिराज अली, रबी व हनीफ के खिलाफ शिकायत की है। पुलिस ने आरोपियों पर जीव हत्या के तहत केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है।
जिन किसानों ने आटे में जहर कौवों को खिलाया था उनका सिर्फ इतना कहना है कि कौवे हमारे खेतों को नुकसान पहुंचाते थे इसलिए हमने इनको आटे में जहर मिला कर दे दिया। वही पर्यावरण विद डॉ जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि यह छोटी नहीं बहुत बड़ी घटना है। 150 कौवों को इस तरह से जहर देकर मार डालना बहुत ही दयनीय है। हत्यारों पर पशु हत्या का मुकदमा भी चलाना चाहिए। पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर जीतेंद्र शुक्ला बताते हैं कि कौवा एक ऐसा पंछी है जो खाद्य श्रंखला में बहुत ही महत्वपूर्ण है। खाद्य श्रृंखला में बचे अवशेषों को खाकर प्रकृति को साफ सुथरा बनाता है। जिससे खाद्य श्रंखला के चक्र में इसकी महत्वता बहुत बढ़ जाती है।
वही क्षेत्राधिकारी बिसवां समर बहादुर ने घटना का संज्ञान लेते हुए बताया कि इस घटना में 3 लोगों को हिरासत में लेकर 429 आईपीसी की धारा लगा कर जेल भेज दिया गया है। इस धारा में 3 महीने तक कोई जमानत नहीं होती है और 5 साल तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है।