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कुशीनगर : सबसे पहले पुर्व सांसद व कुशीनगर जनपद के वर्तमान सांसद विजय कुमार दुबे के लगातार प्रयास पर सुबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दिलाए जाने के लिए इन चारो कि मेहनत रंग लाई ।सांसद ने आपने वास्तव में बहुत शानदार प्रयास किया । निसंदेह इस प्रयास ने रंग लाया । हलाकि यह प्रयास 1993 से ही शुरू हुआ था । बेशक तब आवाज नक्कारखाने में तूती जैसी रही हो । पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की मांग हुई थी । फिर केन्द्र में मनमोहन सिंह के शाशन काल में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह  द्वारा प्रयास हुआ था । जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समय में पूर्व राज्य मंत्री राधेश्यामसिंह व पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी  द्वारा प्रयास किया गया । इस प्रयास में एयरपोर्ट की स्वीकृति प्रदान करने के तहत 200 करोड़ रुपए की कैबिनेट में बजट पास हुई थी ।

 

तब कुशीनगर के 26 वें  जिलाधिकारी रिग्जियान_सैंफिल द्वारा इस प्रयास में जीतोड़ मेहनत किया गया । किसानों के भूमि अधिग्रहण हेतु लगातार प्रयास किया गया । प्रयाग ने रंग भी लाया और एयरपोर्ट की जमीन में बढ़ोतरी हुई । इसके बाद कुशीनगर के पूर्व सांसद राजेश पांडेय भी एयरपोर्ट के लिए लगातार प्रयास किया गया । उनके प्रयास में कुशीनगर के 29 वें पूर्व जिलाधिकारी व झांसी के वर्तमान जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी द्वारा कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय फलक पर ले जाने , टूरिज्म को बढ़ावा देने , पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए दिन रात प्रयास किया गया ।एक समय ऐसा भी आ चुका था की उनके कार्यकाल के दौरान जुलाई उन्होंने बयान दिया कि शीघ्र ही एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो जाएगा । इसी बीच उन्होंने कुशीनगर को नये तरीकों से सज़ा सवार दिया , मंदिर , सड़क की लाइट व्यवस्था तो हुआ ही एयरपोर्ट के मद्देनजर हृण्यावती नदी का जिर्णोद्धार भी करा दिया । एयरपोर्ट पर उड्डयन विभाग के आधा दर्जन अधिकारियों को भी उन्होंने बुलाकर स्थिति से रूबरू करा दिया । जिसकी रिपोर्ट विभाग ने सरकार को भेज दिया । लेकिन शीघ्र ही उनका तबादला हो गया , चुनाव आ गए और इस तरह एक बार फिर कुशीनगर का अति महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया ।

 

चुनाव के दौरान ही मोदी जी भी एयरपोर्ट पर विशाल जनसभा किए । लोगों को लगने लगा था कि हो ना हो मोदी जी निश्चित रूप से इस बार जनसभा में एयरपोर्ट पर उड़ान कार्य के लिए वादा करेंगे । लेकिन ऐसा नहीं हो सका । इसी बीच गोरखपुर एयरपोर्ट जाने की बात हुई । तो एक बार फिर राजनीति गर्म हो गई । समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं व सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कसया एयरपोर्ट से लेकर जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट तक विशाल जन आंदोलन किया , तो उधर युवा नेता बंटी राव भी अपने कार्यकर्ता व सहयोगियों के साथ नहर के पानी में जल सत्याग्रह शुरू कर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया । खैर वो बाद की बातें हैं । इधर वर्तमान सांसद विजय कुमार दुबे एयरपोर्ट को लेकर एक दो बार बयान तो जारी किए । लेकिन वह अंदर ही अंदर शायद वे दृढ़ संकल्प ले लिए थे कि एयरपोर्ट के लिए वे लखनऊ या दिल्ली के बड़े नेताओं के किसी भी दरवाजे को छोड़ेंगे नहीं । शायद यही कारण है कि उनका भागीरथ प्रयास रंग ला दिया है और एयरपोर्ट पर स्वीकृति मिल चुकी है ।

आने वाले दिनों में धन अवमुक्त होगा , विकास के कार्य शुरू होंगे , निश्चित रूप से एयरपोर्ट के प्रारंभ हो जाने से लखनऊ या पटना उतरने वाले यात्रियों को तो लाभ मिलेगा ही चीन , जापान , थाईलैंड , बर्मा , कंबोडिया , म्यांमार , नेपाल भूटान आदि के भी पर्यटक सीधे कुशीनगर पहुंचेंगे जिससे इस क्षेत्र को चार चांद लगते देर नहीं लगेगी । यही नहीं शउदी , कुबैत अथवा गल्फ कंट्री में रहकर अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करनेवाले मजदूरों को भी काफी लाभ मिलेगा ।