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बाबा रामदेव ने बहराइच की हल्दी को दी बड़ी पहचान! पढ़िए पूरी कहानी

क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की हल्दी अब देश ही नहीं, दुनिया भर में अपनी पहचान बनाने वाली है? जी हाँ, योग गुरु बाबा रामदेव ने बहराइच की हल्दी को पतंजलि के उत्पादों में शामिल करने का ऐलान किया है. यह निर्णय बहराइच के किसानों के लिए बेहद खुशखबरी है. आइए जानते हैं इस ख़ास समझौते की पूरी कहानी.

बहराइच की हल्दी: गुणवत्ता और मांग में बढ़ोतरी

उत्तर प्रदेश सरकार की 'एक जिला-एक उत्पाद' योजना के तहत बहराइच जिले में हल्दी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस योजना के तहत, हल्दी के उत्पादन और विपणन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. बहराइच की हल्दी अपनी बेहतरीन गुणवत्ता और औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है. यह हल्दी सामान्य हल्दी से कई गुना ज़्यादा फायदेमंद मानी जाती है. लेकिन अब तक इसका उचित मूल्य किसानों को नहीं मिल पाता था.

किसानों की आय में बढ़ोतरी

पतंजलि द्वारा हल्दी की खरीद से बहराइच के हजारों किसानों को फायदा होगा. रामदेव हर साल बहराइच से 50,000 टन हल्दी खरीदेंगे, जिससे किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी. यह समझौता सीधे तौर पर किसानों को मजबूत करेगा और उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाएगा. अब किसानों को बीच के व्यापारियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इससे छोटे और सीमांत किसानों को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा।

पतंजलि का बहराइच के किसानों के साथ समझौता: एक नई शुरुआत

पतंजलि योगपीठ ने बहराइच के तीन किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत पतंजलि हर साल 50,000 टन हल्दी खरीदेगा. यह समझौता बहराइच के किसानों के लिए एक नई शुरुआत है. इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि उन्हें अपनी हल्दी को बड़े पैमाने पर बेचने का मौका भी मिलेगा. यह समझौता एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे सरकार और निजी कंपनियां मिलकर किसानों की बेहतरी के लिए काम कर सकती हैं।

हल्दी उत्पादन में वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार

इस समझौते के बाद बहराइच में हल्दी उत्पादन और भी बढ़ेगा. किसानों को अपनी उपज की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे पतंजलि की मांग के अनुसार उच्च स्तरीय हल्दी उत्पादन कर सकें. यह प्रशिक्षण बहराइच, लखनऊ और पतंजलि (हरिद्वार) में दिया जा रहा है. इससे बहराइच की हल्दी की गुणवत्ता में सुधार होगा, और इसे वैश्विक बाजार में एक अलग पहचान मिलेगी।

'एक जिला एक उत्पाद' योजना की सफलता: बहराइच का उदाहरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों और 'एक जिला-एक उत्पाद' योजना की सफलता का यह एक बेहतरीन उदाहरण है. इस योजना के तहत बहराइच जिले का चयन हल्दी उत्पादों के लिए किया गया था. जिले की अनुकूल जलवायु और उपजाऊ भूमि हल्दी की खेती के लिए आदर्श हैं. मिहीपुरवा तहसील, जो कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से जुड़ी है, इस खेती के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र है।

भविष्य की योजनाएँ: हल्दी उत्पादन का विस्तार

भविष्य में, बहराइच जिले में हल्दी उत्पादन के और विस्तार की योजना है. किसानों को आधुनिक तकनीक और बेहतर कृषि पद्धतियों से भी जोड़ा जा रहा है. यह योजना न केवल बहराइच जिले के किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाएगी बल्कि देश के दूसरे किसानों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन सकती है. सरकार की यह योजना समग्र रूप से किसानों को लाभान्वित करने में कामयाब साबित होगी।

निष्कर्ष: एक सफल साझेदारी का नमूना

पतंजलि और बहराइच के किसानों के बीच यह साझेदारी एक सफल साझेदारी का नमूना है. इससे न केवल बहराइच की हल्दी को वैश्विक पहचान मिलेगी, बल्कि हजारों किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. यह योजना अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बन सकती है।

टेक अवे पॉइंट्स:

  • बाबा रामदेव ने बहराइच की हल्दी को पतंजलि के उत्पादों में शामिल किया है।
  • इससे बहराइच के हजारों किसानों को फायदा होगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
  • यह 'एक जिला एक उत्पाद' योजना की सफलता का एक उदाहरण है।
  • इससे बहराइच की हल्दी को वैश्विक पहचान मिलेगी।