भदोही में दहेज के लिए शादी तोड़ने की धमकी: दूल्हे पर कोर्ट का एक्शन
क्या आप जानते हैं कि कैसे एक शादी की खुशियाँ दहेज की मांग से काली हो सकती हैं? भदोही के एक मामले ने इस सच्चाई को फिर से सामने लाया है, जहाँ दूल्हे ने शादी से पहले ही दहेज की माँग की और शादी तोड़ने की धमकी दी। इस मामले में कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए दूल्हे और उसके परिवार के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला पूरे उत्तर प्रदेश में दहेज प्रथा के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई का प्रतीक है, जिसमें पीड़िता ने अपनी हिम्मत और कानूनी मदद से विजय प्राप्त की है।
दहेज की लालसा और शादी की धमकी
ब्रजेश कुमार मिश्रा नामक दूल्हे और उसके परिवार ने 18 अप्रैल 2024 को तय हुई शादी से पहले 10 लाख रूपये दहेज की मांग की। जब पीड़िता के परिवार ने उनकी माँग पूरी करने से इनकार कर दिया, तो दूल्हे और उसके परिवार ने शादी तोड़ने की धमकी दी। यह एक भयानक अनुभव था, जहाँ प्यार और विश्वास के बदले डर और धमकी मिली। ऐसे में शादी की खुशियाँ कहाँ रह गईं?
लड़की के पिता ने की पुलिस से शिकायत
पीड़ित लड़की के पिता, रविकांत दुबे ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पर, पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण उन्होंने 7 मार्च 2024 को अदालत का दरवाज़ा खटखटाया। यह कदम उनकी बेटी के लिए न्याय पाने की एक बड़ी कोशिश थी।
कोर्ट का आदेश: दहेज निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज
29 दिसंबर 2024 को अदालत ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक कड़ा फैसला देते हुए ब्रजेश कुमार मिश्रा, उनके पिता ओम प्रकाश मिश्रा और भाई अखिलेश के खिलाफ दहेज निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। यह एक सफल उदाहरण है कि कैसे कानून द्वारा दहेज प्रथा से लड़ा जा सकता है। थाना प्रभारी अरुण कुमार दुबे ने बताया की कोर्ट के आदेश के बाद प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। यह मामला एक उम्मीद देता है की आने वाले समय में दहेज प्रथा जैसी बुराई से छुटकारा पाया जा सकता है।
क्या है दहेज प्रथा का सच?
दहेज प्रथा सदियों पुरानी एक कुरीति है जो महिलाओं के लिए बड़ी समस्या बन गई है। यह प्रथा समाज में व्याप्त लिंग भेदभाव का परिणाम है और महिलाओं की गरिमा और अधिकारों का हनन करती है। दहेज के लिए लड़कियों और उनके परिवारों को तरह-तरह की यातनाएँ और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है।
दहेज प्रथा से लड़ने के तरीके
हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम दहेज प्रथा जैसी बुराई को जड़ से खत्म करें। इसके लिए शिक्षा, जागरूकता और कड़े कानूनी कार्रवाई की ज़रुरत है। लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना भी ज़रूरी है ताकि वो दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों से लड़ सकें। अगर आप दहेज प्रथा के शिकार हैं, तो कानूनी मदद ज़रूर लें। आशा है कि यह घटना सबको दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित करेगी।
Take Away Points
- दहेज एक गंभीर अपराध है।
- पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कानूनी कार्रवाई आवश्यक है।
- समाज को दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूक होने की जरूरत है।
- शिक्षा और आत्मनिर्भरता दहेज प्रथा के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा हथियार है।