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बुलंदशहर के सिकंदराबाद में ऑक्सीजन सिलेंडर के विस्फोट से छह लोगों की मौत की दुखद घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। यह घटना 21 अक्टूबर, 2024 की रात को आशा पूरी कॉलोनी में हुई, जिसमें 45 वर्षीय रुखसाना, उनके पति रियाज़ुद्दीन, उनके तीन बच्चे और तीन साल की पोती की मौत हो गई। घर के 19 सदस्यों में से छह सदस्यों की एक साथ मौत से परिवार पूरी तरह तबाह हो गया है। यह घटना सिर्फ़ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक ऐसी त्रासदी है जो सुरक्षा के प्रति लापरवाही और सावधानी की कमी की ओर इशारा करती है।

ऑक्सीजन सिलेंडर विस्फोट: एक भयावह त्रासदी

घटना का विवरण और उसके परिणाम

घटना के समय, रात के लगभग 8.30 से 9 बजे के बीच, एक ऑक्सीजन सिलेंडर अचानक फट गया। इस विस्फोट की तीव्रता इतनी ज़्यादा थी कि दो मंजिला मकान का एक हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। विस्फोट में रुखसाना (45), उनके पति रियाज़ुद्दीन (50), उनके बेटे आज़ मोहम्मद (26) और सलमान (16), बेटी तमनना (24) और उनकी तीन साल की बच्ची हिबज़ा की मौत हो गई। घटना में दो-तीन अन्य लोग घायल भी हुए थे। इस त्रासदी ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है और आस-पास के इलाकों में मातम पसर गया है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग जुटे और मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे।

बचाव कार्य और प्रशासन की भूमिका

विस्फोट के बाद बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया। स्थानीय पुलिस, अग्निशमन दल और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची। एनडीआरएफ के अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि उनके दस्ते के पहुंचने तक स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा राहत कार्य शुरू किया जा चुका था। मलबे को हटाने के लिए गैस कटर और उत्खनन यंत्र का इस्तेमाल किया गया। बुलंदशहर के जिला मजिस्ट्रेट चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि घर की छत की लोहे की बीम को गैस कटर से काटना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना पर संज्ञान लिया और अधिकारियों को मौके पर जाकर घायलों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बचाव कार्य सुबह तक पूरा किया गया, और मलबे से सिलेंडर सहित अन्य सामग्री बरामद कर ली गई।

परिवार का शोक और घटना के गवाह

प्रत्यक्षदर्शियों के बयान

पड़ोसियों के बयानों से पता चलता है कि विस्फोट के बाद एक तेज धमाका हुआ और घर में अंधेरा छा गया। मोबाइल फोन की टॉर्च से ही मलबे में फंसे लोगों को निकाला गया। आसपास रहने वाले आसिफ़ ने बताया कि उसने एक जोरदार धमाके की आवाज़ सुनी थी और बाद में घटनास्थल पर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। घर के मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालना काफी मुश्किल था। घटना के गवाहों के बयानों से घटना की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मृतकों के परिजनों का दुःख

तमनना के पति रिज़वान ने बताया कि कैसे उन्होंने घटना के कुछ घंटे पहले अपनी पत्नी से बात की थी और अब वो अपने सास-ससुर, देवर, पत्नी और बेटी सबको खो चुके हैं। परिवार का गहरा शोक और हादसे का सदमा वर्णन से परे है। 19 सदस्यों वाले परिवार के लिए यह अपूरणीय क्षति है। घर के सदस्यों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद घर लाए जाने पर पूरा माहौल शोक में डूब गया। मृतकों के अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही थीं।

सुरक्षा उपायों की अनदेखी और भविष्य के निष्कर्ष

ऑक्सीजन सिलेंडर से जुड़ी सुरक्षा संबंधी लापरवाही

यह घटना ऑक्सीजन सिलेंडर से जुड़ी सुरक्षा संबंधी लापरवाही की ओर इशारा करती है। सिलेंडर के रखरखाव, उपयोग और संभाल के संबंध में उचित सावधानियाँ नहीं बरती गयी होंगी, जिसके परिणामस्वरूप यह दुखद घटना घटित हुई। यह घटना हमें ऑक्सीजन सिलेंडरों के सुरक्षित उपयोग और भंडारण की ज़रूरत पर ज़ोर देती है।

भविष्य के लिए सबक और जागरूकता

इस घटना से हमें सबक लेना होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे। जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडरों के सुरक्षित उपयोग के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। सरकार को भी सिलेंडरों के वितरण, उपयोग और रखरखाव पर सख्त नियम बनाकर उनके क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना होगा। इस दुखद घटना से हुई जानमाल के नुकसान को देखते हुए सुरक्षा मानकों का पालन अत्यंत आवश्यक है।

Takeaway Points:

  • बुलंदशहर में ऑक्सीजन सिलेंडर विस्फोट से छह लोगों की मौत एक भयावह त्रासदी है।
  • घटना में सुरक्षा उपायों की अनदेखी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
  • सरकार और नागरिकों को ऑक्सीजन सिलेंडरों के सुरक्षित उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी।
  • भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियमों की आवश्यकता है।
  • इस घटना ने सुरक्षा मानकों के पालन की अत्यंत आवश्यकता को उजागर किया है।