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Crime News : आतंकी कनेक्शन से खुला रायबरेली में जन्म प्रमाण पत्र का फर्जीवाड़ा, वीडीयो ने 5 हजार में बना दिये गांव की आबादी से ज्यादा फर्जी प्रमाणपत्र

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Crime News: Birth certificate fraud exposed in Raebareli due to terrorist connection, video made more fake certificates than the village population in 5 thousand rupees
Crime News: Birth certificate fraud exposed in Raebareli due to terrorist connection, video made more fake certificates than the village population in 5 thousand rupees

Crime News :  रायबरेली में हाल ही में एक बड़ा प्रमाणपत्र फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन को चिंता में डाल दिया है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले में सीडीओ अर्पित उपाध्याय की जांच में छतोह में बड़ा खेल सामने आया है। आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने सरकारी प्रमाणपत्रों की अप्रमाणिक प्रतियाँ तैयार कराकर लोगों को धोखे में रखा और उन्हें गलत तरीके से लाभ पहुँचाने का प्रयास किया। प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि यह जालसाजी एक संगठित नेटवर्क के माध्यम से संचालित हो रही थी, जिसमें कुछ सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता भी उजागर हुई है।

यहां के नुरुद्दीनपुर गांव में जालसाजों ने आबादी से 7500 से ज्यादा 10,151 जन्म प्रमाणपत्र बना दिए। उन नाम के लोग गांव में रहते ही नहीं हैं। इससे पहले सलोन में 20 हजार से अधिक फर्जी प्रमाणपत्र पकड़ में आ चुके हैं। सीडीओ ने जांच शुरू की तो ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) विजय सिंह यादव की यूजर आईडी और पासवर्ड से करीब 20 हजार फर्जी प्रमाणपत्र जारी मिले। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी वीडीओ, सलोन निवासी मो. जीशान, रियाज और सुहेल खान को जेल भेज दिया।

एटीएस की आईजी नीलाब्जा चैधरी और लखनऊ रेंज के आईजी अमरेंद्र सेंगर ने सलोन पहुंचकर जांच की थी। जांच में सामने आया कि वीडीओ विजय यादव के सलोन ब्लॉक के तैनाती वाली ग्राम पंचायतों पाल्हीपुर, दुबहन, पृथ्वीपुर, अवनानीश, माधवपुर निनौया, सांडा सैदन, लहुरेपुर, गोपालपुर उर्फ अनंतपुर, नूरुद्दीनपुर, गढ़ी इस्लामनगर, कालू जलालपुर, सिरसिरा गांवो में जन्म 19,184 फर्जी प्रमाणपत्र पकड़ में आए हैं। जांच में यह संख्या बढ़ने की आशंका है। टीमों को एक फरवरी 2020 से अब तक बनाए गए जन्म प्रमाणपत्रों की जांच करके रिपोर्ट देनी है।

छतोह ब्लॉक की आठ ग्राम पंचायतों में एक फरवरी 2020 से बनाए गए जन्म प्रमाणपत्रों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। इसके साथ ही आरोपी वीडीओ की तैनाती के सलोन के 12 गांवों की भी जांच शुरू कराई गई है। उसके बाद स्पष्ट हो सकेगा कि उसकी यूजर आईडी और पासवर्ड से कितने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब 6 महीने पहले केरल में आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया ( पीएफआई ) के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसका पहचान पत्र रायबरेली के दौरान ब्लॉक के पाल्हीपुर गांव में बना मिला। इसके बाद जांच एजेंसी की जांच की दिशा बदल गई। केरल पुलिस और सुरक्षा एजेंसी ने यूपी पुलिस से संपर्क किया। जांच टीम एक हफ्ते पहले केरल से रायबरेली पहुंची। यहां के स्थानीय प्रशासन संपर्क कर पालहीपुर गांव पहुंचे।

यहां ग्राम विकास अधिकारी नित्यानंद राय से मुलाकात कर जानकारी ली तब मालूम पड़ा के नित्यानंद राय को इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने दस्तावेज चेक किया तो होश उड़ गए। जांच में सामने आया पहचान पत्र एक महीने पहले तक उस गांव में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव ने जारी किया था। इसके बाद पुलिस विजय यादव तक पहुंची। जांच में सामने आया कि ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव की आईडी से 19184 फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए।

सुरक्षा एजेंसियों ने सबसे पहले आईपी एड्रेस का पता किया, जहां से प्रमाण पत्र बना। यह एक जन सेवा केंद्र का निकला जो कि सालोन में मौजूद है। पुलिस ने उसके संचालक को उठा लिया। दस्तावेज खंगाला गया तो उसके पास ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव का सीयूजी नंबर और उनके डिजिटल साइन का आईडी पासवर्ड मिला। इसके बाद पुलिस ने विजय यादव को हिरासत में ले लिया।

यह अभूतपूर्व स्थिति न केवल शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में पारदर्शिता को चुनौती देती है, बल्कि युवा पीढ़ी के भविष्य को भी खतरे में डालती है। प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल का गठन किया है, जो इस फर्जीवाड़े में संलिप्त सभी व्यक्तियों और संस्थानों को सख्त दंड देने का प्रयास करेगा, ताकि समाज में निष्पक्षता और प्रामाणिकता की भावना को पुनर्स्थापित किया जा सके।

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