उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के शेखपुरा कादेम गाँव में रविवार, 6 अक्टूबर 2024 को यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर तनाव व्याप्त हो गया, जिसके कारण प्रदर्शनकारियों ने जमकर पथराव किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गाँव में अतिरिक्त बल तैनात किया गया था। यह घटना एक ऐसे समय पर हुई है जब धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले बयानों पर देश भर में चर्चा हो रही है और साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस घटना से साफ़ है कि ऐसी भड़काऊ बयानबाजी कितनी खतरनाक हो सकती है और समाज में अशांति फैला सकती है।
यति नरसिंहानंद पर दर्ज एफआईआर और गिरफ़्तारी
यति नरसिंहानंद पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक भाषण के लिए कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं। ग़ाज़ियाबाद के दासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी नरसिंहानंद के ख़िलाफ़ देश के कई राज्यों में मुक़दमे दर्ज किये गये हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है कि वे नरसिंहानंद के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर को एकत्रित करके गाज़ियाबाद भेजेंगे। महाराष्ट्र में उनके विरुद्ध कम से कम 10 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। सामाजिक लोकतांत्रिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के महाराष्ट्र अध्यक्ष सैयद कलीम ने बताया कि शनिवार रात 10.15 बजे औरंगाबाद सहित अन्य स्थानों पर एक और एफआईआर दर्ज किया गया था। इन जगहों में ठाणे का मुंब्रा और शिल दायघर पुलिस स्टेशन, चेंबुर में आरसीएफ़ पुलिस स्टेशन, जलना, परभणी, अमरावती, मालेगांव, पुणे और नांदेड़ पुलिस स्टेशन शामिल हैं।
एफआईआर और कानूनी कार्रवाई
एसडीपीआई ने सभी शिकायतों और एफआईआर को एकत्रित करने और एक हफ़्ते के भीतर बॉम्बे हाईकोर्ट जाने की बात कही है। मुंब्रा पुलिस स्टेशन ने 3 अक्टूबर को एक एफआईआर दर्ज की और एक दिन बाद शिल दायघर पुलिस स्टेशन में एक और एफआईआर दर्ज की गई। शिल दायघर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर संदीपन शिंदे ने बताया कि एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 196, 197, 299 और 302 के तहत दर्ज की गई हैं। मुंब्रा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अनिल शिंदे ने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस विभाग सभी एफआईआर को एकत्रित करके सोमवार को गाज़ियाबाद पुलिस स्टेशन भेज देगा।
सहारनपुर में पथराव और तनाव
सहारनपुर में यति नरसिंहानंद के कथित विवादास्पद बयान के बाद हुई हिंसा में लगभग 1500 लोगों ने कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन में ज्ञापन सौंपा। पुलिस ने गाँव में ही ज्ञापन लिया, लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस चौकी तक पहुँचने की कोशिश की, जिसे अधिकारियों ने रोका। इसके बाद पुलिस कर्मियों पर पथराव किया गया, जिसके कारण अधिकारियों को बल प्रयोग करने पर मजबूर होना पड़ा। पुलिस ने 20 नामजद और अन्य अनाम आरोपियों के ख़िलाफ़ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 190, 191(2), 352, 125 और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। तेरह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आगे की कार्रवाई जारी है। गाँव में तनाव बना हुआ है और समुदाय को पुजारी की गिरफ़्तारी के बारे में आधिकारिक पुष्टि का इंतज़ार है।
पुलिस की कार्रवाई और तनाव का बढ़ना
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। लेकिन यहाँ पर साम्प्रदायिक तनाव के बढ़ने की चिंता भी है। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक सौहार्द को बनाये रखने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न की है और ऐसे विवादास्पद बयानों को रोकने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
धार्मिक सौहार्द बनाये रखना और भड़काऊ बयानों का ख़तरा
यह घटना देश में धार्मिक सौहार्द बनाये रखने की चुनौतियों को उजागर करती है। ऐसे भड़काऊ बयानों से साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा बढ़ सकती है। सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ऐसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने और धार्मिक सद्भाव बनाये रखने के लिए ज़्यादा प्रभावी क़दम उठाने की आवश्यकता है। यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि समाज में शांति और एकता बनाये रखने के लिए हमें सभी को आपसी सम्मान और सहिष्णुता से काम लेना होगा। इसके लिए ज़िम्मेदार नागरिकों और मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है, उन्हें ऐसी ख़बरों का प्रसारण संयमित तरीक़े से करना चाहिए ताकि साम्प्रदायिक तनाव ना बढ़े।
आगे का रास्ता और सुझाव
सरकार और नागरिकों दोनों को ही इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने और समाधान निकालने की ज़रूरत है। कानूनों को और सख़्त बनाया जा सकता है, जिससे ऐसी गतिविधियों को रोकने में मदद मिल सके। साथ ही, धार्मिक और सामाजिक संगठनों को जनता को जागरूक करने के लिए और प्रयास करना होगा। शिक्षा और जागरूकता के ज़रिये ही समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाया जा सकता है।
टाेक अवे पॉइंट्स:
- यति नरसिंहानंद पर पैगंबर मुहम्मद के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणियों के कारण देशभर में तनाव है।
- कई राज्यों में उनके खिलाफ कई FIR दर्ज किए गए हैं।
- सहारनपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव और पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया।
- धार्मिक सौहार्द बनाए रखने और भड़काऊ बयानों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।