आगरा आगरा में डॉ. योगिता गौतम की हत्या के आरोप में गिरफ्तार डॉ. विवेक तिवारी की असलियत सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी सन्न हैं। यहां जिला अस्पताल में इमरजेंसी ईएमओ रहे डॉ. विवेक तिवारी को करीब से जानने वाले भी यह सोचकर हैरान हैं कि वह किसी का कत्ल कर सकता है। डाॅ. विवेक कोविड अस्पताल के प्रभारी था और क्वारंटाइन नियम तोड़कर डॉ. योगिता से मिलने आगरा गया था। वह अक्सर डॉ. योगिता से शादी करने और करीब सात साल से नजदीकियां होने की बात साथियों से कहा करता था।
मंगरौल कोविड अस्पताल में तैनाती
डॉ. विवेक तिवारी वर्तमान समय उरई मंगरौल के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में कोरोना संक्रमित मिले प्रशिक्षु कर्मियों के लिए बनाए कोविड अस्पताल के प्रभारी थे। यहां से छुट्टी होने के बाद नियमानुसार उन्हें दस दिन के लिए होम क्वारंटाइन रहना था। इस नियम का उल्लंघन करके वह आगरा डॉ. योगिता गौतम से मिलने पहुंचे थे।
सरकारी आवास में रहते थे अकेले
डॉ. विवेक तिवारी उरई सीएमओ कार्यालय परिसर की कालोनी में सरकारी आवास में अकेले रहते थे। एक साल तक उनकी तैनाती जिला अस्पताल में सीएमस के अधीन इमरजेंसी मेडिकल अॉफिसर के तौर पर रही। साथी चिकित्सक बताते हैं कि उनका व्यवहार बेहद खुशमिजाज रहा, वह किसी की हत्या कर सकते हैं, यह कोई सोच भी नहीं सकता था।
योगिता से कहते थे शादी की बात
एक चिकित्सक ने बताया कि डॉ. विवेक अक्सर डॉ. योगिता के बारे में जिक्र करते थे। विवेक सबसे यही कहते थे कि वह योगिता से शादी करेंगे। करीब सात वर्षो से उनके बीच नजदीकियां थीं, यह बाद विवेक कहते थे। जिस तरह उसके द्वारा डॉ. योगिता की हत्या कर दी, उससे संदेह है कि घटना प्यार में नाकामी का अंजाम तो नहीं है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज से नहीं कोई संबंध
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डीनाथ ने बताया कि डॉ. विवेक तिवारी कभी मेडिकल कॉलेज में तैनात नहीं रहे। पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि आगरा पुलिस द्वारा डॉ. योगिता की हत्या में डाॅ. विवेक तिवारी की संलिप्तता की जानकारी मिली थी। इसके बाद आगरा पुलिस स्थानीय पुलिस के सहयोग से डॉ. विवेक तिवारी को गिरफ्तार करने में सफल हुई।