कानपुर। कानपुर शूटआउट (Kanpur Shootout) के आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसके साथी अमर दुबे के संबंध में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए बदमाश अमर दुबे के पिता संजीव दुबे गुरुवार को बिकरू गांव में एक पुलिस ऑपरेशन के दौरान जिंदा हो उठे। जबकि परिवार वालों ने कई साल पहले कह दिया था कि संजीव दुबे मर गए।
बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने अमर दुबे और अन्य अपराधियों के संग मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। अमर दुबे को विकास दुबे का दायां हाथ माना जाता था। पुलिस ने उसे हमीरपुर जिले के मौदाहा में बुधवार को मार गिराया था। गुरुवार को जब पुलिसकर्मी बिकरू गांव में एनकाउंटर में मारे गए अमर की जानकारी देने पहुंचे, उन्हें पता चला कि उसका पिता अभी तक जिंदा है। खबरी पुलिस को संजीव के ठिकाने ले गया, जहां वह लगभग एक दशक से गुमनामी की जिंदगी जी रहा था।
बेटे की मौत की खबर सुनकर ठिकाने से बाहर आया संजीव
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संजीव जब अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर अपने ठिकाने से बाहर आया तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह एक दुर्घटना में बाल-बाल बच गया था, लेकिन उसने अपना पैर खो दिया। संजीव के ऊपर हत्या की कोशिश, उगाही और लूट समेत 12 मामले चौबेपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि संजीव दुबे सात वर्ष पहले एक सड़क दुर्घटना के बाद अंडरग्राउंड हो गया था और परिवार वालों से यह खबर फैलाने के लिए कहा था कि वह मर गया है, ताकि उसके विरुद्ध चल रहे सारे आपराधिक मामले बंद हो जाएं।