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आजमगढ़/जौनपुर। अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) के नाम पर 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) में काम करने वाली फर्जी शिक्षिकाओं (Fake Teachers) की तरह अब प्रीती यादव (Preeti Yadav) के नाम व प्रमाणपत्र पर काम करते हुए फर्जी टीचर पकड़ी गई हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि असली प्रीती यादव कहीं भी नौकरी नहीं कर रही हैं। इस मामले का खुलासा भी प्रेरणा एप के माध्यम से ही हुआ।

जब प्रेरणा और दीक्षा एप पर डाटा अपलोड किया गया तो एक ही आधार नंबर दो टीचर्स ने अपलोड किया। आजमगढ़ और जौनपुर से दोनों फर्जी टीचर्स ने अपने डाटा अपलोड किये । इसके बाद जब जांच की गई तो दोनों के प्रमाणपत्र एक ही निकले । इसमें से एक फर्जी टीचर जौनपुर के मुफ्तीगंज स्थित कस्तूरबा गांधी में पूर्णकालिक शिक्षिका के तौर पर काम कर रही थी। जबकि दूसरी आजमगढ़ के पवई में कस्तूरबा गांधी स्कूल में वार्डन के पद पर तैनात थी।

मामला सामने आने के बाद जब दोनों जिलों के बीएसए ने जब सभी डाक्यूमेंट्स का परिकश्ना करवाया तो पाया गया कि दोनों ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की। फिलहाल दोनों के ही खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही वेतन की रिकवरी की भी तैयारी की जा रही हैं ।

उधर असली प्रीती यादव को भी खोज निकाला गया है। असली प्रीती यादव जौनपुर के सिकरारा की रहने वाली है और वर्तमान में कहीं भी नौकरी नहीं करती है। वहीं आजमगढ़ में नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिका 9 जून को स्कूल पहुंची, लेकिन जब बात प्रमाणपत्रों के जांच की आई तो भाग निकली।

यूपी में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कई जगह अनामिका शुक्ला नाम से लोगों फर्जी तरीके से नौकरी की। इस मामले में अब तक 9 विद्यालयों में इस तरह के फर्जीवाड़े का पता चल चुका है। इस मामले में अब यूपी एसटीएफ को भी लगा दिया गया है।