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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में किसानों और नवाचार पर जोर देते हुए दो महत्वपूर्ण भाषण दिए हैं। पहला भाषण दिल्ली में राजा महेंद्र प्रताप की जयंती समारोह में दिया गया, जहाँ उन्होंने किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान और खेतों को विकसित भारत के निर्माण में केंद्र बिंदु बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। दूसरा भाषण आईआईटी कानपुर में दिया गया, जहाँ उन्होंने छात्रों से स्मार्ट, समाधान-उन्मुख, स्केलेबल, और टिकाऊ नवाचारों को बढ़ावा देने का आह्वान किया, खासकर पराली जलाने जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए। आइये, इन दोनों भाषणों के मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से विचार करते हैं।

किसानों की समस्याओं का समाधान: धनखड़ का आह्वान

उपराष्ट्रपति ने किसानों की समस्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों का संकट राष्ट्र के गौरव को नुकसान पहुँचाता है। उन्होंने अपने दरवाजे किसानों के लिए चौबीसों घंटे खुले रखने की बात कही, यह दर्शाते हुए कि किसानों की समस्याओं के प्रति उनकी गंभीरता कितनी है। उनके इस बयान ने किसानों के बीच एक नई आशा जगाई है और उन्हें उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति अधिक आशावादी बनाया है। उन्होंने 'जो हुआ सो हुआ, लेकिन आगे का रास्ता सही होना चाहिए' कहकर वर्तमान संघर्षों से आगे बढ़ने का संकेत दिया। यह कथन स्पष्ट संदेश देता है कि भविष्य में बेहतर नीतियों और क्रियान्वयन पर फोकस किया जाना चाहिए।

किसानों के लिए नवाचार: एक अवसर

धनखड़ ने अपने भाषण में यह भी जोर दिया कि कृषि क्षेत्र में नवाचार किसानों के जीवन में सुधार ला सकता है। वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए नए तकनीकों और नवोन्मेषी तरीकों को अपनाना बेहद ज़रूरी है।

किसान कल्याण: सरकार की भूमिका

किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करके उनका कल्याण करना सरकार का दायित्व है। नए कृषि कानूनों से लेकर सिंचाई तकनीकों में सुधार और बाजार पहुंच में वृद्धि से किसानों को लाभ मिल सकता है। इन प्रयासों को न सिर्फ प्रभावी होना चाहिए बल्कि सभी किसानों तक आसानी से पहुँच होना भी ज़रूरी है।

नवाचार: भारत के विकास की कुंजी

आईआईटी कानपुर में अपने संबोधन में, उपराष्ट्रपति ने नवाचार को भारत के आर्थिक और तकनीकी विकास की आधारशिला बताया। उन्होंने नवाचार में '4S' सिद्धांतों पर बल दिया - स्मार्ट, समाधान-उन्मुख, स्केलेबल, और सतत। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं, जैसे अटल इनोवेशन मिशन और स्टार्टअप इंडिया, देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

पराली जलाने की समस्या का समाधान

उपराष्ट्रपति ने आईआईटी कानपुर के छात्रों से पराली जलाने जैसी समस्याओं का समाधान खोजने का आह्वान किया। यह समस्या भारत के कृषि क्षेत्र की एक गंभीर चुनौती है। प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इस समस्या का हल निकालना बेहद जरुरी है जिससे पर्यावरण प्रदूषण को कम किया जा सके और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके।

डिजाइनिंग से विनिर्माण तक: भारत का सफ़र

उपराष्ट्रपति ने 'भारत में डिजाइनिंग' से 'भारत में विनिर्माण' की ओर प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया। यह महत्वपूर्ण है कि भारत न केवल नए उत्पादों को डिजाइन करे बल्कि उनका निर्माण भी स्वयं करे। यह कदम भारत को वैश्विक स्तर पर एक मज़बूत विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने में मददगार होगा और रोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम

भारत का बढ़ता हुआ स्टार्टअप इकोसिस्टम, लगभग 1.5 लाख स्टार्टअप्स और 118 यूनिकॉर्न के साथ, एक उल्लेखनीय विकास दर्शाता है। हालांकि, यह भी ज़रूरी है कि इन नवाचारों से आम जनता को भी लाभ मिले। शोध और नवाचार ऐसे होने चाहिए जो वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करें, न कि सिर्फ़ अकादमिक प्रशंसा के लिए हों।

टेक अवे पॉइंट्स

  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों की समस्याओं और नवाचारों को भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
  • उन्होंने किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान पर ज़ोर दिया और आईआईटी कानपुर से पराली जलाने जैसी चुनौतियों का समाधान खोजने का आह्वान किया।
  • उन्होंने नवाचार में '4S' सिद्धांतों पर जोर दिया और 'भारत में डिजाइनिंग' से 'भारत में विनिर्माण' की ओर बढ़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
  • भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम तेज़ी से बढ़ रहा है, लेकिन इन नवाचारों से जनता को प्रभावी ढंग से लाभ मिले, यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है।