मथुरा में फर्जी मार्कशीट गिरोह का भंडाफोड़: 5 गिरफ्तार, एक फरार!
क्या आप जानते हैं कि मथुरा में एक ऐसा गिरोह पकड़ा गया है जो फर्जी मार्कशीट और शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाकर लोगों को ठग रहा था? यह खबर सुनकर आपको हैरानी होगी, लेकिन यह सच है! पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है, और एक अभी भी फरार है. आइए जानते हैं इस पूरे मामले की पूरी कहानी…
गिरोह का कामकाज
यह गिरोह काफी संगठित तरीके से काम करता था. लखनऊ के मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम नामक व्यक्ति इस गिरोह का सरगना था. यह गिरोह विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालयों के नाम से फर्जी दस्तावेज बनाता था और उन्हें बेचकर मोटी कमाई करता था. पुलिस ने उनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीट, टीसी, शैक्षिक प्रमाण पत्र और फर्जी दस्तावेज बनाने के उपकरण बरामद किए हैं.
कितने पैसे लेते थे?
यह गिरोह एक फर्जी दस्तावेज के लिए 5,000 रुपये से लेकर 45,000 रुपये तक लेता था. आप सोच भी नहीं सकते कि फर्जीवाड़े का यह धंधा कितना मुनाफा कमाता था. गिरोह ने मथुरा में बजरंग धर्मकांटा के पास एक मकान किराए पर लिया हुआ था, जहाँ यह सारा काम किया जाता था। यह दिखाता है कि गिरोह ने इस काम को कितने सोचे-समझे तरीके से अंजाम दिया।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
मथुरा पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में सुरेश चंद्र, ऋषि, मुकेश और रामप्रकाश शामिल हैं. गिरोह का सरगना, मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम, लखनऊ में इस काम को पहले कर रहा था, पर पुलिस की कार्रवाई के बाद वह मथुरा आ गया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। गिरोह का एक सदस्य, विक्रम सिंह, अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
एसएसपी मथुरा का बयान
एसएसपी मथुरा, शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है. उन्होंने कहा कि गिरोह का कामकाज उजागर करने के लिए पुलिस ने काफी मेहनत की और गिरोह के सदस्यों को पकड़ने में कामयाबी पाई। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस फरार सदस्य की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।
फर्जी मार्कशीट के खतरे
फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल करने से न सिर्फ आपका भविष्य खतरे में पड़ता है, बल्कि इससे कानूनी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में, हमेशा सही और प्रामाणिक दस्तावेजों का ही प्रयोग करें.
फर्जी मार्कशीट के दुष्परिणाम
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल न केवल अपराध है, बल्कि भविष्य में गंभीर परिणामों को भी जन्म दे सकता है। नौकरी पाने के बाद, यदि फर्जीवाड़ा पकड़ा जाता है, तो नौकरी चली जा सकती है, और साथ ही कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. इसलिए हमेशा ईमानदारी और मेहनत से काम करना चाहिए।
टेक अवे पॉइंट्स
- मथुरा पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है.
- पांच आरोपी गिरफ्तार, एक फरार.
- गिरोह एक फर्जी दस्तावेज के लिए 5,000 से 45,000 रुपये तक लेता था.
- फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल न करें, इससे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।