अयोध्या। अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर का काम बुधवार से ‘रुद्र अभिषेक’ समारोह के बाद शुरू होगा। इस समारोह में सीमित संख्या में लोग शामिल होंगे और यह कुबेर टीला मंदिर में आयोजित होगा। एक भव्य भूमिपूजन समारोह को आयोजित करने की भी योजना बनाई गई थी, जिसे कोरोना संकट के मद्देनजर फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के प्रवक्ता महंत कमल नयन दास ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य 10 जून को ‘रुद्र अभिषेक’ के बाद शुरू होगा। उन्होंने कहा, हम भगवान शिव की पूजा करके सबसे पहले भगवान राम की परंपरा का पालन करेंगे।
राम लला के ‘सबसे प्रिय मित्र’ त्रिलोकी नाथ पांडे ने कहा कि कुबेर टीला पर भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। 10 जून को सुबह 8 बजे प्रार्थना उसी मंदिर में होगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष की ओर से महंत कमल नयन दास द्वारा अन्य पुजारियों के साथ विशेष प्रार्थना की जाएगी। इसमें दो घंटे के करीब वक्त लगेगा।
इस बीच भक्त अंत में भगवान राम की प्रार्थना करने में सक्षम होंगे क्योंकि राम जन्मभूमि पर अस्थायी मंदिर 77 दिनों के अंतराल के बाद सोमवार को खुलेगा। मंदिर सुबह आठ बजे से दोपहर के एक बजे तक और फिर तीन बजे से शाम के छह बजे तक कुल आठ घंटे के लिए खुला रहेगा। इस दौरान सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
इस हफ्ते फाइनल हो जाएगा डिजाइन
अयोध्या में राम मंदिर का डिजाइन इस हफ्ते लोगों को सामने आ सकता है। कई वास्तुशास्त्री अयोध्या में राम मंदिर परिसर के डिजाइन को लेकर अपना प्रजेंटेशन देंगे। यह प्रजेंटेशन मंदिर के ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारियों के सामने पेश होगा, जिससे राम मंदिर का डिजाइन चुना जाएगा।
PM मोदी से भूमि पूजन करवाने की योजना
ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने बताया कि एक बार ले आउट फाइनल होने के बाद ट्रस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करेगा। पीएम से मंदिर निर्माण से पहले भूमि पूजन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि मंदिर का निर्माण 2022 की राम नवमी तक बनकर तैयार हो जाएगा।