शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार का अंतिम संस्कार: रामायण के राम ने दिया कंधा!
आपने सुना होगा कि शहीदों को देश कभी नहीं भूलता, लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि एक शहीद का अंतिम संस्कार देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तर प्रदेश के शामली जिले में हुए मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार के साथ। उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए एक खास मेहमान ने इस घटना को और भी यादगार बना दिया है, जिसने सभी को भावुक कर दिया है।
रामायण के राम ने दिया शहीद को कंधा
जी हाँ, आपने सही सुना! रामायण सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता और बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने खुद इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। इस घटना ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है, यहाँ तक कि कई यूजर्स ने अपने भावनात्मक कमेंट्स भी शेयर किए हैं। गोविल जी ने शहीद के परिवार को सांत्वना भी दी और उन्हें ढांढस बंधाया। इस घटना के बाद #ArunGovil और #ShaheedSunilKumar जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ
गोविल जी द्वारा इंस्पेक्टर के पार्थिव शरीर को कंधा देने की खबर के बाद, सोशल मीडिया पर लोगों ने भावनात्मक प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं। कुछ ने कहा, "जिस शरीर को राम स्वरूप अरुण जी ने कंधा दिया हो, उनकी आत्म शांति मिल गई होगी।" दूसरे ने लिखा, "प्रभु श्री राम खुद कंधा दे रहे हैं।" और फिर कुछ ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा, "आप बहुत खुशनसीब हो कि भगवान श्री राम के रूप आपके साथ चल रहे हैं। काश! ऐसी किस्मत हमारी भी हो।"
इंस्पेक्टर सुनील कुमार का बलिदान
इंस्पेक्टर सुनील कुमार का बलिदान देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने कर्तव्य की रेखा पर अपने जीवन की आहुति दे दी। 21 और 22 जनवरी की रात को शामली जिले में हुई मुठभेड़ में उन्हें कई गोलियाँ लगी थीं जिसके कारण वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए पहले करनाल और फिर गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दुखद है कि बुधवार को उनका इलाज के दौरान निधन हो गया।
मुठभेड़ की जानकारी
इस मुठभेड़ में उत्तर प्रदेश एसटीएफ़ के साथ एक वांछित अपराधी और उसके तीन साथी मारे गए थे। इस दौरान सुनील कुमार के पेट में तीन गोलियाँ लगी थीं। डॉक्टरों ने उनके लिवर में गोली लगने के कारण सर्जरी की थी लेकिन वह बच नहीं पाए।
सुनील कुमार का शौर्यपूर्ण जीवन
सुनील कुमार एक साधारण कांस्टेबल के रूप में 1990 में अपनी सेवाएं देने लगे थे, फिर वे लगातार मेहनत करते हुए 2020 तक 'दलनायक' के पद पर पहुंचे। वर्ष 2009 से उन्होंने एसटीएफ़ में भी काम किया और उनकी बहादुरी के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं जो अपने पिता और पति के इस अपूरणीय क्षति पर बेहद दुखी हैं। उनका बलिदान सदैव देश के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेगा।
सुनील कुमार के जीवन की उपलब्धियाँ
सुनील कुमार के जीवन में उनके शौर्य और कर्तव्यनिष्ठा के अनेक उदाहरण मिले। सालों तक पुलिस सेवा में अपनी भूमिका निभाते हुए, उन्होंने कई अपराधियों को पकड़ा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका कार्य और बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।
Take Away Points
- शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार के अंतिम संस्कार में रामायण के राम ने दिया कंधा।
- सोशल मीडिया पर लोगों ने भावनात्मक प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं।
- सुनील कुमार का बलिदान देश के लिए एक बड़ी क्षति है।
- उन्होंने अपने कर्तव्य की रेखा पर अपने जीवन की आहुति दे दी।
- सुनील कुमार एक बहादुर पुलिस अधिकारी थे जिन्हें कई पुरस्कार मिले थे।