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वाराणसी में वक्फ भूमि विवाद: क्या है पूरा मामला?

क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 100 एकड़ जमीन पर वक्फ भूमि का दावा किया जा रहा है? यह मामला 6 साल पुराना है, लेकिन हाल ही में संसद में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के बाद फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस लेख में हम आपको इस विवाद की पूरी कहानी बताएंगे।

विवाद की शुरुआत

यह विवाद उदय प्रताप कॉलेज की 100 एकड़ जमीन को लेकर है। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 2018 में दावा किया था कि यह जमीन वक्फ संपत्ति है। बोर्ड के सहायक सचिव ने कॉलेज को नोटिस भेजा था, जिसमें 15 दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया था।

कॉलेज का पक्ष

कॉलेज प्रशासन ने दावा किया कि यह जमीन एंडाउमेंट ट्रस्ट की है और इसे चैरिटेबल एंडाउमेंट एक्ट के तहत 1909 में स्थापित किया गया था। कॉलेज ने बोर्ड के दावे का खंडन करते हुए कहा कि जमीन न तो खरीदी जा सकती है और न ही बेची जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि मजार की बिजली कॉलेज से अवैध रूप से ली जा रही थी, जिसे उन्होंने काट दिया।

वक्फ बोर्ड का दावा और कॉलेज का जवाब

वक्फ बोर्ड का दावा है कि उदय प्रताप कॉलेज की जमीन छोटी मस्जिद नवाब टोंक की संपत्ति थी, जिसे नवाब साहब ने वक्फ कर दिया था। हालांकि, कॉलेज ने यह दावा खारिज करते हुए कहा कि उनके पास भूमि का सभी कागजात मौजूद है। तत्कालीन सचिव यूएन सिन्हा ने यह स्पष्ट कर दिया था कि यह जमीन एंडाउमेंट ट्रस्ट की है और इस पर वक्फ बोर्ड का कोई अधिकार नहीं है।

विवाद में क्या है नया?

हालांकि, यह मामला 6 साल पहले ही सुलझ गया था, फिर भी संसद में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान यह फिर से चर्चा में आ गया है। इससे एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वक्फ बोर्ड की तरफ से जमीन पर अपना दावा सही ठहरा पाएगा।

विवाद का समाधान और भविष्य

वाराणसी के भोजूबीर के रहने वाले वसीम अहमद खान ने वक्फ बोर्ड को बताया था कि यह भूमि वक्फ की संपत्ति है और उनके निधन के बाद उनके वारिस इस मुद्दे को आगे बढ़ा सकते हैं। इस विवाद का निपटारा कैसे होगा, यह देखना अभी बाकी है। क्या यह मामला अदालत तक जाएगा? क्या वक्फ बोर्ड अपना दावा साबित कर पाएगा?

आगे क्या?

यह मामला एक बार फिर से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संरक्षण पर सवाल उठाता है। क्या सरकार को इस तरह के विवादों को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने चाहिए? इस विवाद का नतीजा क्या होगा और क्या इससे भविष्य में इस तरह के विवादों को रोकने में मदद मिलेगी, ये समय ही बताएगा।

Take Away Points

  • वाराणसी में उदय प्रताप कॉलेज की जमीन पर वक्फ भूमि का विवाद 6 साल पुराना है।
  • यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 100 एकड़ जमीन पर अपना दावा किया है।
  • कॉलेज प्रशासन का दावा है कि यह जमीन एंडाउमेंट ट्रस्ट की है।
  • यह विवाद हाल ही में संसद में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के बाद फिर से सुर्खियों में आ गया है।
  • विवाद का निपटारा कैसे होगा, यह देखना अभी बाकी है।