लखनऊ। कानपुर में दुर्दांत विकास दुबे की उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत पर विपक्षी दल सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहां विकास दुबे को लेकर आ रही कार के पलटने को सरकार से लेकर जोड़ा है, वहीं राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने न्यायपालिका को कठघरे में खड़ा किया है।
अखिलेश यादव ने गुरुवार को उज्जैन में विकास दुबे की गिरफतारी पर भी सवाल उठाया है। शुक्रवार को कानपुर में मुठभेड़ में विकास दुबे के मारे जाने के बाद अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया है।
अखिलेश यादव ने लिखा है कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।
प्रियंका गांधी बोलीं- अपराधी को संरक्षण देने वालों का क्या होगा
कांग्रेस महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठाया है। उज्जैन से कानपुर लाते समय एनकाउंटर के दौरान पुलिस ने विकास दुबे को ढेर कर दिया।
इस मामले में प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि अपराधी का तो अंत हो गया, लेकिन अपराधी को संरक्षण देने वालों का क्या होगा।
जयंत चौधरी ने ट्वीट किया कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद देश के सारे न्यायाधीश को इस्तीफा दे देना चाहिए। अब तो भाजपा के ठोक दो राज में अदालत की जरूरत ही नहीं है। उन्होंने लिखा कि आठ पुलिसकॢमयों के हत्या के असली अपराधियों को बचाने के लिए यह सब ड्रामा रचा गया है।
विकास दुबे को हरियाणा पुलिस गिरफतार करने के बाद सौंप देती है, और फिर उत्तर प्रदेश पुलिस उसका एनकाउंटर कर देती है।
योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भी इस मुठभेड़ को लेकर एक ट्वीट किया है। राजभर ने लिखा है कि जिसका था अंदेशा वही हो गया।कानपुर काण्ड का मुख्य आरोपी विकास दुबे अगर मुंह खोलता तो कई बड़े नेता और अफसर नहीं रहते अपना मुंह खोलने लायक।
कोई तो बड़ा शख़्स है, इसके पीछे जो नहीं चाहता था कि विकास दुबे मजिस्ट्रेट के सामने सच्चाई बताता उससे पहले बंद कर दी गयी वो ज़ुबान।